कोरोना वायरस के “बाउंसिंग बैक” से दुनिया हैरान…51 फीसदी ठीक हुए मरीज दोबारा संक्रमित
नई दिल्ली. पोलिसनामा ऑनलाइन – कोरोना वायरस पूरी दुनिया के लिए पहेली बनता जा रहा है। खुद जहां से यह पूरी दुनिया में फैला, वह चीन भी परेशान है। कारण- इसके वायरस ठीक मरीजों को दोबारा संक्रमित करने में सक्षम साबित हुए। उदाहरण है दक्षिण कोरिया। पूरा विश्व इस देश का तारीफ कर रहा था कि इसने कोरोना पर शुरुआती चरणों में ही ऐसा किया कि कोरोना को दोबारा कोई केस ही सामने नहीं आया, मगर उसी दक्षिण कोरिया में 51 मरीज दोबारा कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। पॉजिटिव पाए गए इन लोगों को दक्षिण कोरिया के डैगु में क्वारंटाइन किया गया था। अब वहां के वैज्ञानिक भी मान कर चल रहे हैं कि कोरोना वायरस शरीर में ऐसे जगह छिप जा रहे हैं, जहां से फिर सुरक्षित हमले की तैयारी में लग जाते हैं। दक्षिण कोरिया में कोरोना संक्रमित लोगों की संख्या 10,300 है। वहां 192 लगों की इससे मौत हो चुकी है। डैगु इलाकों में संक्रमण सबसे अधिक है।
वैज्ञानिकों में चिंता : आमतौर पर माना जाता है कि एक बार कोरोना वायरस या फिर इस जैसे संक्रमण के बाद उसके ख़िलाफ़ शरीर की रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ जाती है और वही वायरस दूसरी बार उस व्यक्ति को संक्रमित नहीं करता, लेकिन कोरोना वायरस के कारण होने वाली कोविड 19 बीमारी से ठीक हुए कई मरीज़ों के ताज़ा टेस्ट पॉज़िटिव आए हैं. तो क्या ये वायरस दूसरों से अलग है?
लौटता क्यों है कोरोना वायरस : शोध के अनुसार, कम से कम 14 फ़ीसदी ऐसे मामले हैं, जिनमें पहले इस वायरस से ठीक हुए लोगों में कोरोना वायरस टेस्ट दोबारा पॉज़िटिव पाया गया है। इसे मेडिकल विज्ञान में “बाउंसिंग बैक” कहते हैं। जानकार मानते हैं कि कोरोना वायरस कोविड 19 की बीमारी से पूरी तरह ठीक हो चुके 14 फीसदी लोगों में ये संक्रमण फिर से दिख सकता है। कुछ वायरस इंसानी शरीर के भीतर तीन महीने या फिर इससे अधिक वक्त तक रह सकते हैं।
वायरस ने बढ़ाई वैज्ञानिकों की चिंता : कोविड 19 के बारे में जिस एक बात को लेकर वैज्ञानिकों की चिंताएं बढ़ गई हैं, वो है व्यक्ति के ठीक होने के बाद दोबारा संक्रमित होने के बीच का कम वक्त। कोविड 19 एक नया वायरस है और वैज्ञानिक फ़िलहाल इसके व्यवहार को समझने की कोशिश में लगे हैं। वो इसे समझने में व्यस्त हैं कि कोरोना वायरस इतनी जल्दी कैसे फिर से लौट आता है।