केंद्र सरकार की इस योजना से गरीबों को लग रहा बड़ा झटका

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पोलीसनामा ऑनलाइन – पिंपरी-चिंचवड़ मनपा में 2017 में बड़े धूमधाम से प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत गरीबों को घर के सपने दिखाते हुए उनसे आवेदन मंगाए गए थे। करीब 1 लाख 47 हजार 127 लोगों ने घरों के लिए आवेदन किया है। लेकिन आवेदन दिए दो साल हो गए है इसके बावजूद इसे लेकर कोई हलचल नजर नहीं आ रही है। वहीं दूसरी तरफ मनपा में इस पर विचार मंथन हो रहा है कि पूराने आवेदन पर निर्णय लेकर कार्यवाही की जाए या फिर से नये आवेदन मंगाए जाए। वर्ष भर से आवेदनों पर कार्यवाही नहीं से लोगों में भारी गुस्सा है। अब प्रशासन ने आवेदनों को प्रस्तुत कर उस पर निर्णय लेने की हलचल शुरू की है।

साढ़े 9 हजार फ्लैट्स बनाए जाएंगे

मनपा की तरफ से प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत चर्होली, रावेत, बोहार्डेवाड़ी, आकुर्डी, उद्यमनगर, डुडुलगांव, वडमुखवाड़ी, दिघी, चिखली आदि जगहों पर करीब साढ़े 9 हजार फ्लैट्स बनाए जाएंगे। इनमें से चर्होली व उद्यमनगर में प्रोजेक्ट का काम शुरू हो गया है।

केवल 15 दिनों में 60 हजार 990

इस योजना के लिए मनपा ने 2017 के मई में आवेदन मंगाए थे। केवल 15 दिनों में 60 हजार 990 लोगों ने आवेदन भरा था। इनमें से पूर्ण भरे हुए फॉर्म की संख्या 37 हजार 306 थी जबकि अधूरे भरे फॉर्म की संख्या 23 हजार 684 है। इसके बाद भाजपा के पदाधिकारियों ने भी ऑनलाइन आवेदन भरा था जिनकी संख्या 86 हजार 137 है। इस तरह कुल 1 लाख 47 हजार 127 आवेदन भरे गए।

कैनबेरी ने सर्वे किया और आवेदनों की छंटाई की

इस संदर्भ में शहर की 54 झोपड़पट्टियों का प्राइवेट एजेंसी कैनबेरी ने सर्वे किया और आवेदनों की छंटाई की। इनमें से पूर्ण भरे व योग्य आवेदनों को सीएलटीसी एजेंसी ने प्रधानमंत्री आवास योजना के बेवसाइट पर अपलोड किया है। हाउसिंग प्रोजेक्ट का काम शुरू होने के बाद योग्य आवेदनकर्ताओं से प्रोजेक्ट च्वाइस के आवेदन मंगाए जाने थे। इसके तहत लॉटरी पद्धति से पर्ची निकालकर फ्लैट्स वितरण की योजना थी। लेकिन अब प्रशासन ने अलग ही भूमिका अपना ली है। प्रशासन का कहना है कि मंगाए गए आवेदन केवल घरों की संख्या निश्चित करने के लिए था। लेकिन सभी को याद है कि गरीबों को घर देने के लिए बड़ी-बड़ी घोषणा करते हुए सोशल मीडिया पर प्रचार करते हुए सत्ताधारी भाजपा ने नागरिकों से आवेदन करने की अपील की थी। इसे काफी अच्छा रिस्पांस मिला। अब इसमें बदलाव कर नये आवेदन मंगाए जाएंगे इसका मतलब है कि आवेदन भरने वालों को सीधा-सीधा ठगा गया है।

सभागृह में होगी चर्चा

नाराज नागरिकों का ठिकरा उनके सिर पर नहीं फूटे इसलिए मनपा प्रशासन इस योजना को सभागृह में प्रस्तुत करेगी। सभागृह की राय ली जाएगी कि पहले के आवेदन के तहत ही कार्यवाही की जाए या नये सिरे से आवेदन मंगाए जाए? इसके बाद निर्णय लिया जाएगा। ऐसे में पदाधिकारियों और नगरसेवकों को नागरिकों के गुस्से का सामना करना पड़ सकता है।

यह क्या पारदर्शी कामकाज है : दत्ता साने

पूर्व विरोधी पक्ष नेता दत्ता साने ने इस संबंध में कहा है कि सत्ताधारी भाजपा ने सीधे-साधे नागरिकों को ठगा है। यह साफ हो गया है कि इसमें प्रशासन भी शामिल है। नागरिकों द्वारा इस संबंध में सवाल किए जाने पर उन्हें उल्टा जवाब दिया जा रहा है। क्या यही भाजपा का पारदर्शी कामकाज है।

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