संभ्रम दूर करने हेतु विधानसभा चुनाव बैलेट पेपर से कराएं

पूर्व उपमुख्यमंत्री अजीत पवार की मांग

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पिंपरी : पुलिसनामा ऑनलाईन – ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) को लेकर कइयों के मनों में संभ्रम है। क्योंकि लोकसभा चुनाव के नतीजे कई जगहों पर एकतरफा घोषित हुआ है। निर्वाचन आयोग के कामकाज को लेकर भी संभ्रम है। इस संभ्रम को दूर करने के महाराष्ट्र में आगामी विधानसभा चुनाव ईवीएम की बजाय बैलेट पेपर के जरिये कराने में क्या हर्ज है? यह मांग रूपी सवाल भूतपूर्व उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने गुरुवार को पिंपरी चिंचवड़ में उठाया।
आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सांगवी स्थित नटसम्राट नीलू फुले नाट्यगृह में राष्ट्रवादी कांग्रेस के कार्यकर्ता सम्मेलन के लिए पवार आज पिंपरी चिंचवड में पधारे थे। इससे पूर्व यहां के भूतपूर्व नगरसेवक अतुल शितोले के निवासस्थान पर उन्होंने संवाददाताओं के साथ बातचीत की। इस मौके पर पार्टी के शहराध्यक्ष संजोग वाघेरे, विपक्ष के नेता दत्ता साने, पूर्व विधायक विलास लांडे, अण्णा बनसोडे, वरिष्ठ नगरसेवक नगरसेवक भाऊसाहेब भोईर, नाना काटे, मयूर कलाटे, पंकज भालेकर, डॉ वैशाली घोडेकर, राजू मिसाल आदि उपस्थित थे।
भाजपा के नवनियुक्त प्रदेशाध्यक्ष व जिले के पालकमंत्री चंद्रकांत पाटिल ने दोनों कांग्रेस के कई मौजूदा विधायकों के भाजपा में शामिल होने को लेकर बयान दिया है। इस बारे में पूछने पर अजीत पवार ने कहा, चुनाव के दौरान दलबदल होते रहते हैं। हमारे भी संपर्क में कई हैं, हालांकि हम जोर जबर्दस्ती नहीं करते। कुछ लोगों को राजनीतिक भविष्य की चिंता होती है तो कुछ लोग सत्ता में बने रहने की लालसा, कुछ लोगों को लालच दिया जाता है तो कुछ लोगों को इंक्वायरी का डर दिखाया जाता है। ऐसे दलबदल से पार्टी को कोई फर्क नहीं पड़ता।
ढोंगी और पाखंडी सरकार
केंद्र, राज्य और मनपा में सत्ताधारी भाजपा पर निशाना साधते हुए पवार ने शिवसेना को भी आड़े हाथ लिया और युति सरकार को ढोंगी सरकार करार दिया। सत्ता में रहते किसानों के फसल बीमा के लिए शिवसेना को मोर्चा निकालने नहीं बल्कि संबंधित विभाग को आदेश देने की जरूरत है। सभागृह में मौन धारण कर बैठनेवाले बीमा कंपनियों के खिलाफ मोर्चा निकाल रहे हैं। भाजपा पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि चुनाव करीब आते ही भाजपा को किसानों की याद आ गई और अब 31 अक्टूबर तक कर्जमाफी देने की नई घोषणा की गई है। राज्य का औद्योगिक उत्पादन दर 3.1 तक नीचे आया है, इस पर सरकार का कोई मंत्री एक शब्द बोलने तैयार नहीं है।
स्क्रैप कॉन्ट्रैक्ट के लिए मंत्रालय से फोन
शहर में अलग पुलिस आयुक्तालय शुरू करने का श्रेय लेनेवाले क्या बढ़ते अपराध का श्रेय लेंगे? खुद भाजपा नगरसेविका पर गाड़ी दौड़ाकर उसे जान से मारने की कोशिश की गई। स्थायी समिति अध्यक्ष को मेट्रो के बाउंसर्स ने जान से मारने की धमकी दी। इससे पहले विपक्ष के नेता के कार्यालय पर हमला किया गया। नशीले पदार्थों की बिक्री धड़ल्ले से हो रही है, युवा पीढी उसकी गिरफ्त में है। माथाडी यूनियन के नाम पर औद्योगिक क्षेत्र में माफ़िया राज बना हुआ है। विदेशी कंपनियां यहां से बाहर जाने की तैयारी में है। स्क्रैप माफिया राज नए से सिर उठा रहा है। स्क्रैप के कॉन्ट्रैक्ट के लिए कंपनियों को मंत्रालय से फोन किए जा रहे हैं। यह सनसनीखेज खुलासा भी अजित पवार ने किया।
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