अनूठी परंपरा…चीन में मछलियों की खाल से बनते हैं कपड़े, धनकुबेर माने जाते हैं इसके तलबगार

तोंगजियांग : समाचार ऑनलाइन – चीन में एक प्रांत के छोटे से गांव में रहने वाला एक समुदाय मछलियों की खाल से कपड़े बनाते हैं। हालांकि अब इस समुदाय के इक्का-दुक्का लोग ही बचे हैं, जिन्हें मछलियों की खाल से कपड़ा बनाना आता है। इनमें से ही एक हैं 68 वर्षीय यू वेनफेंग, जो चीन के हीलोंगजियांग प्रांत के तोंगजियांग शहर के हेझेन गांव में रहती हैं। वे बताती हैं कि मछली की खाल से कपड़ा बनाने के लिए जमी हुई नदी में से मछलियां पकड़नी होती हैं। यू वेनफेंग का अपना एक बुटीक भी है, जहां पर वो अपने स्टूडेंट्स को मछली की खाल से कपड़ा बनाना सिखाती हैं। साथ ही वो हेझेन समुदाय की कहानी सुनाने की अनूठी परंपरा को भी जीवित रख रही है।

बनाने की परंपरा भी अनूठी : इसमें कहानियों को गीतों के साथ पेश किया जाता है। वेनफेंग कहती हैं कि पहले अपने हिसाब से मछलियां पकड़ते थे। अब बाजार से मंगवा लेते हैं। पहले कढ़ाई-सिलाई के लिए टाइगर बोन और डीयर टेंडन का उपयोग होता था। अब तो बाजार से कढ़ाई वाली सुई और सूत के धागे आ जाते हैं। महिलाओं के लिए एक टॉप और ट्राउजर बनाने में 50 और पुरुषों के लिए 56 मछलियों की खाल चाहिए होती है। बाजार से मछलियां लाने के बाद उनकी खाल निकाली जाती है। उन्हें सुखाया जाता है। फिर इन खालों को लकड़ी के प्रेस से आयरन किया जाता है। इस पूरी प्रक्रिया में करीब एक महीना तो लग जाता है। इसके बाद सिलाई करने में 20 दिन और लगते हैं। इसकी कीमत भी काम के अनुसार काफी अधिक होती है।

बहुत से लोग मारे गए : यू वेनफेंग बताती है कि हमारे समुदाय के बहुत से लोग 1930 और 1940 के दशक में जापान चले गए। वहां मंचूरिया बनकर काम करने लगे। हेझेन समुदाय के बहुत सारे लोग मारे गए लेकिन मेरी मां यहां चीन में बच गई। उसी ने मुझे मछली की खाल से कपड़ा बनाना सिखाया था।