जेबकतरे को पकड़ने के लिए सिपाही ने 3 दिनों तक चलाया रिक्शा और फिर ‘यह’ हुआ
आगरा. ऑनलाइन टीम – उत्तर प्रदेश के आगरा आगरा के थाना हरीपर्वत के एक सिपाही ने तीन दिन शहर की सड़कों पर ई-रिक्शा चलाया और आखिरकार ऑटो और ई-रिक्शा में जेबकटी करने वाले उस जेबकतरे को रंगे हाथ दबोच लिया, जिसने एक बुजुर्ग की 65 हजार की राशि पार कर ली थी। पूछताछ में आरोपी ने अपना नाम शंकर निवासी रामनगर गिहार बस्ती, थाना छिबरामऊ, कन्नौज बताया। बुजुर्ग यह रकम बेटी की शादी के लिए अपने फंड से निकाल कर घर ले जा रहे थे।
ऐसे खुली पोल : जेबकतरों की तलाश के लिए थाने के एक सिपाही गौतम को ई-रिक्शा का चालक बना कर संजय प्लेस से लोहामंडी तक रूट पर ई-रिक्शा पर सवारी ढोने और अन्य चालकों से बातचीत में संदिग्धों के बारे में पूछने का टास्क दिया गया। तीन दिन बाद दोपहर संजय प्लेस से हरीपर्वत चौराहे के लिए एक बुजुर्ग सवारी सिपाही गौतम के ई-रिक्शा में बैठी। उसके बराबर में एक व्यक्ति अपने पैरों पर थैला रखकर बैठ गया। उसने बुजुर्ग की जेब काट ली। बुजुर्ग के शोर मचाने पर सिपाही ने पकड़ लिया। उसके पास से 65 हजार रुपये बरामद हो गए।
लकी-अनलकी ब्लेड का खेल : गिरफ्तार जेबकतरे ने बताया कि ब्लेड भी लकी और अनलकी होता है। जिस ब्लेड से जितनी ज्यादा बार जेब काटी जाती है, वह उतना ही लकी माना जाता है। जेबकतरे बिरादरी में उस ब्लेड की भारी डिमांड रहती है। साथी जेबकटों में लकी ब्लेड के बेहिसाब दाम मिलते हैं।