मुंबई, 28 नवंबर कई संकटों को मात देकर महाविकास आघाडी सरकार ने एक वर्ष पुरे कर लिए है। इसलिए सरकार को गिराने के लिए भगवान के सामने जोड़े खड़े विरोधियों के पेट में दर्द हो रहा है। जिनके साथ 25 वर्ष बिताया उसने विश्वासघात किया। लेकिन विश्वासघात हमारे खून में नहीं है। तीन दलों की सरकार व्यवस्थित चल रही है। ऐसे शब्दों के साथ मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने विरोधियों पर निशाना साधा है।
महाविकास आघाडी सरकार के एक वर्ष पुरे होने पर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने एक न्यूज़ पेपर से बात करते हुए कई सवालों के जवाब दिए। साथ ही सरकार के कामकाज का लेखाजोखा दिया। उन्होंने कहा कि भाजपा ने अपने दिए गए वादे का पालन नहीं किया। इसलिए नया समीकरण बना। मुंबई मनपा में हमारा गठबंधन बना रहेगा।
भाजपा को लेकर हमारे में मन कोई गुस्सा नहीं
उन्होंने कहा कि 25 वर्ष हमने क्या भोगा ये हमें मालूम है। हमारे दोस्त के मन में पाप था। उनका मन कितना काला था, यह इस वर्ष सामने आया। हमने कभी परिवार पर आरोप नहीं लगाया लेकिन उन्होंने ऐसा किया। भाजपा अब दूसरों की सलाह पर चल रही है।
भाजपा ने मुख्यमंत्री पद का ऑफर दिया तो
अब वह समय निकल गया है। ऐसे जोड़-तोड़ का कोई अर्थ नहीं है। हर दिन एक जैसा नहीं रहता है। समय के हिसाब से निर्णय लिया जाता है। अब इस पर बात करने का कोई अर्थ नहीं है।
ऐसा कहा जाता है कि आप शरद पवार की सलाह लेते है
शरद पवार और हमारा परिवार का संबंध बालासाहेब के समय से है। जब वह आते है तब मैं कोई कॉपी पेंसिल पढाई करने के लिए जैसा नहीं बैठता हूं। वह अनुभव की बात करते है। वह अपने कार्यकाल में क्या हुआ था वह बताते है। इस स्थिति में क्या करना चाहिए बताये। इससे फायदा होता है।
सरकार के एक साल पुरे होने को कैसे देखते है
हमारी सरकार दो महीने भी नहीं चलेगी। ऐसा कहने वालों को सही जवाब मिला है। मैंने अनपेक्षित रूप से यह जिम्मेदारी स्वीकार की थी। कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, राष्ट्रवादी नेता शरद पवार का सहयोग है। साथ ही बालासाहेब थोरात, अजीत पवार, अशोक चव्हाण, जयंत पाटिल ने अच्छा साथ दिया है। इस साल भर हम कोविड मरीजों के लिए लाखों बेड बना पाए। कोरोना जांच की राज्य में दो जगह थी। आज हमारे पास 450 जांच केंद्र है। देश में सबसे बड़ी कोविड हॉस्पिटल मुंबई में 17 दिनों में बनकर तैयार हुआ। किसानों को कर्ज माफ़ी दी। प्राकृतिक संकट में हज़ारों करोड़ का पैकेज दिया।
दिल्ली की राजनीति में जाने की इच्छा है क्या
आज तक मुझे से ये किसी ने नहीं पूछा। मैं दिन में ऐसे सपने नहीं देखता। मैं फिर से आऊंगा ऐसा कभी नहीं कहूंगा। नहीं बोलने पर भी मैं यहां आया। काम करना मेरा स्वाभाव है। अपना काम जारी रखने पर मेरा विश्वास है।
Related