कोरोना पर WHO की लगड़ी चाल…बिना लक्षण वाले मरीजों को बताया था ‘फुस्स’, अब लगाया खतरनाक का ठप्पा

नई दिल्ली : समाचार ऑनलाइन – दुनियाभर में कोरोना के कुल रोगियों की संख्या 71 लाख का आंकड़ा पार कर चुकी है। अब तक इस महामारी से दुनिया में चार लाख से ज्यादा लोग जान गंवा चुके हैं। सबसे ज्यादा लोग अमेरिका में संक्रमित हुए हैं। देश में कुल संक्रमितों की संख्या 20 लाख से ऊपर है। सात लाख से ज्यादा संक्रमितों के साथ ब्राजील दूसरे नंबर पर है। ब्राजील इस वक्त दुनिया में कोरोना का हॉटस्पॉट है। इसे लेकर भी WHO ने चिंता जाहिर की है, साथ ही एसिंप्टोमेटिक कोरोना मरीजों को लेकर कही गई अपनी बात पर भी स्पष्टीकरण दिया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने पहले कहा था कि एसिंप्टोमेटिक (लक्षणविहीन) संक्रमितों से महामारी फैलने का खतरा बहुत ही कम है, लेकिन अब साफ किया है कि ऐसे लोग भी दूसरों को कोरोना वायरस से संक्रमित कर सकते हैं, जिनमें बीमारी के लक्षण नहीं दिखाई दे रहे हैं। ऐसे संक्रमण को pre-symptomatic कहते हैं। प्री-सिंप्टोमेटिक संक्रमण तब होता है जब किसी व्यक्ति को ऐसे संक्रमित व्यक्ति से संक्रमण हो जाए, जिसमें लक्षण दिखाई न दे रहे हों। कई लोगों में संक्रमित होने के बावजूद कभी वायरस के लक्षण नहीं उभरते, लेकिन ऐसे लोग भी दूसरों को संक्रमित कर सकते हैं।

मास्क के इस्तेमाल पर विवाद : यही नहीं मास्क के इस्तेमाल को लेकर भी WHO की गाइडलाइंस पर सवाल खड़े किए जाते रहे हैं। गौरतलब है कि जनवरी महीने में चीन में कोरोना फैलने के बाद से ही WHO ने मास्क के इस्तेमाल पर बहुत जोर नहीं दिया था। हाल ही में संगठन ने मास्क को लेकर नई गाइडलाइंस जारी की है, लेकिन इसमें भी संगठन की तरफ से साफ कहा गया है कि कोरोना से बचाव में सिर्फ मास्क के भरोसे नहीं रहा जा सकता है।