भारतीय रिज़र्व बैंक लगातार चलन वाले नोटों के आकार में क्यों बदलाव कर रही ? मुंबई हाई कोर्ट का सवाल

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मुंबई : पोलिसनामा ऑनलाईन –रिज़र्व बैंक हमेशा चलन वाले नोटों का आकर क्यों बदलती है? यह सवाल गुरुवार को मुंबई हाई -कोर्ट ने रिज़र्व बैंक से पूछा। कोर्ट ने यह भी कहा कि अन्य किसी देश में इस तरह हमेशा बदलाव नहीं किया जाता है।

नैब ने दायर की है जनहित याचिका
नेशनल एसोसिएशन फॉर ब्लाइंड संस्था की तरफ से दायर जनहित याचिका पर मुंबई हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस प्रदीप नंदराजोग और न्यायमूर्ति नितिन जामदार की खंडपीठ में याचिका पर सुनवाई हुई । नैब की तरफ से चलन और ब्लाइंड लोगों दवारा पहचान की जा सकने वाली मशीन रिज़र्व बैंक दवारा उपलब्ध कराने की मांग की गई । खंडपीठ को बताया गया कि रिज़र्व बैंक ने हाल ही में चलन के आकर व अन्य चीजों में बदलाव किया है । इस पर खंडपीठ ने रिज़र्व बैंक से पूछा कि इस तरह के चलन वाले नोटों के आकार और विशेषता में में लगातार क्यों बदलाव कर रही है?

ब्लाइंड लोगों की सुविधा का ध्यान रखने की सलाह
इस मौके पर रिज़र्व बैंक ने कोर्ट को बताया कि ब्लाइंड लोगों को आसानी हो सके इस लिए नोट में कुछ बदलाव किये गए है। इस पर कोर्ट ने बैंक को 6 सप्ताह में एफिडेफिट पेश करने का आदेश दिया।

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