म्हसरूल (नाशिक ), 23 नवंबर – नाशिक के सब्जी के मुख्य बाजार में गुजरात के अहमदाबाद में लॉकडाउन लगाने की वजह से बड़ी मात्रा में नाशिक बाजार समिति में सब्जियों की आवक हो रही है। इसका परिणाम यह हुआ कि सब्जियों की कीमत में कमी आ गई है। किसानों के सामने अब फिर से बड़ा संकट खड़ा हो गया है।

धनिया एक रुपए तो खीरा दो रुपए किलो
मुंबई सहित अहमदाबाद में नाशिक के सब्जियों की बड़ी मांग रहती है। इसलिए नाशिक बड़ी मात्रा में सब्जियां उगाई जाती है। नाशिक कृषि उतपन्न बाजार समिति में आने वाली सब्जियों में से करीब 40% माल अहमदाबाद, 40% माल मुंबई जबकि 20% माल स्थानीय बाजार में बेचा जाता है। इसलिए मुंबई के साथ ही अहमदाबाद को भी नाशिक का मुख्य बाजार माना जाता है। लेकिन कोरोना की वजह से अहमदाबाद में फिर से लॉकडाउन लगा दिया गया है। इसलिए वहां सब्जियां नहीं भेजी जा रही है जिससे सब्जियों की आवक बढ़ गई। इसलिए सब्जियों के दाम में कमी आ गई हैं। अब किसानों की साड़ी उम्मीदें मुंबई के बाजार पर टिकी है। ग्रामीण धनिया प्रति सैकड़ा 100 से 1100, चायना धनिया 50 से 850, मेथी 100 से 150 शेपू 200 से 900 प्याज पत्ता एक हज़ार से दो हज़ार 800 रुपए के भाव बिक रहा है।

धनिया की नीलामी नहीं हो पाई
नाशिक कृषि उत्पन्न बाजार समिति में करीब दो से ढाई लाख बंडल की आवक हुई। सब्जियों की आवक बढ़ने से नीलामी के लिए जगह कम पड़ गई. खास बात यह है कि ढाई हज़ार बंडल धनिया की नीलामी नहीं हो पाई

इस बार हरी सब्जियां ज्यादा
नवंबर व दिसंबर में सिन्नर, निफाड़ और दिंडोरी जैसे तालुका से हरी सब्जियों की प्रमुख रूप से आवक होती है। इस वर्ष मनमाड, येवला, चांदवड आदि तालुका से हरी सब्जियों की आवक बढ़ गई है। कुछ महीने से पीजा की बिक्री को लेकर सवाल खड़े होने की वजाज से अब किसान प्याज की जगह हरी सब्जियां उगाने पर ज्यादा ध्यान दे रहे है। इसलिए इस बार सब्जियों की आवक बढ़ गई है।

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