मुंबई: ऑनलाइन टीम- शिवसेना विधायक प्रताप सरनाईक द्वारा मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को भेजे पत्र की वजह से रविवार को राजनीतिक गलियारों में उल्टी-सीधी चर्चा शुरू हो गई। मुख्यमंत्री ठाकरे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुलाकात के दूसरे दिन का यह पत्र 10 दिन बाद और शिवसेना स्थापना दिवस के दूसरे दिन मीडिया में आया।

स्थापना दिवस के भाषण में मुख्यमंत्री द्वारा की गई राजनीतिक फटकेबाजी और सरनाईक द्वारा भाजपा से मिलने की विनंती की वजह से महाविकास आघाडी में उथल-पुथल का दृश्य दिख रहा है। इस पत्र की वजह से राज्य में एक बार फिर से राजनीतिक भूकंप की चर्चा चल रही है।

ठाकरेने 8 जून को राजधानी दिल्ली में मोदी से मुलाकात की। मोदी-ठाकरे की बंद कमरे में गुपचुप मुलाकात के बाद तर्क वितर्क निकाला जा रहा था। उसके दूसरे ही दिन यानी  जून को सरनाईक ने उद्धव ठाकरे को पत्र लिखा। मुख्यमंत्री कार्यालय में यह पत्र 10 जून को पहुंचा है।

पत्र में सरनाईक ने महाविकास आघाडी के प्रयोग से शिवसेना कमजोर हो रही है। भाजपा के असंतोष की वजह से हर किसी को जांच का सामना करना पड़ रहा है। ऐसी ही स्थिति मंत्री अनिल परब और विधायक रविंद्र वायकर की है। राज्य में सत्ता होने के बाद भी किसी तरह की मदद नहीं हो पाई। इस लड़ाई में अकेले पड़ने की भावना सरनाईक ने व्यक्त की।

डैमेज कंट्रोल का काम शुरू

शिवसेना विधायकों में नाराजगी होने की बात का इस पत्र में उल्लेख है। इसलिए प्रमुख नेता शिवसेना विधायक से संपर्क कर डैमेज कंट्रोल का काम शुरू हो गया है। वही दूसरी ओर कांग्रेस के आत्मनिर्भरता का बयान अउर महाविकास आघाडी में कुलबुलाहट ऐसे ही शुरू रही तो शिवसेना अलग विचार कर सकती है, ऐसी चेतावनी भी इस पत्र के माध्यम से दी गई है।

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