मुंबई में वैक्सीन की भारी कमी, 25 प्राइवेट वैक्सीनेशन सेंटर बंद
मुंबई : ऑनलाइन टीम – महाराष्ट्र में कोरोना महामारी का संक्रमण फिर तेजी से फैलने लगा है। इस बीच एक बुरी खबर आई है। मुंबई में वैक्सीन की कमी के चलते 71 में से 25 प्राइवेट वैक्सीनेशन सेंटर बंद करने पड़े हैं। कमी की वजह से 120 में से 91 सेंटर में वैक्सीनेशन कार्यक्रम रद्द होने की खबर है। इनमें कुछ सरकारी सेंटर भी हैं। राज्य सरकार के मुताबिक, अब महाराष्ट्र में केवल एक से दो दिन के ही डोज बचे हैं।
कोविड-19 के मामलों में तेज वृद्धि के बीच बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) ने दावा किया है कि गुरुवार को टीके की कमी के कारण मुंबई के 25 निजी अस्पतालों में लोगों को टीके की खुराक नहीं दी जा सकी। महाराष्ट्र में मुंबई सबसे ज्यादा प्रभावित शहर है। वहां भी वैक्सीन की किल्लत हो गई है। मुंबई में सिर्फ 40 से पचास हजार वैक्सीन की डोज बची है। हालांकि आज देर शाम तक एक लाख 86 हजार नई डोज मुंबई पहुंच सकती हैं।
Vaccination centres which will be operational in #mumbai on 9 April 2021
However due to limited stock this might exhaust at early n few centre will be declared out of stock.
However no worries all centre will start with full capacity asap.
Centres marked red will be closed 2mrw. pic.twitter.com/VGCOWu6kDi— KIRAN DIGHAVKAR (@DighavkarKiran) April 8, 2021
मुंबई में कुल 120 टीकाकरण केंद्र चलाए जा रहे हैं इनमें से 49 का संचालन महाराष्ट्र सरकार और बीएमसी कर रहा है। बयान में कहा गया कि इन केद्रों पर हर दिन 40,000 से 50,000 लोगों को टीके की खुराकें दी जाती हैं। वहीं प्रमुख सचिव (स्वास्थ्य) प्रदीप व्यास का कहना है बुधवार की सुबह तक राज्य में करीब 14 लाख वैक्सीन डोज थी। कई जिलों में आज या कल तक स्टॉक खत्म हो जाएगा। केंद्र को इस बात की जानकारी है और हमने लिखित में उन्हें बताया है।
बता दें कि महाराष्ट्र के स्वास्थय मंत्री राजेश टोपे ने कल कहा था कि राज्य में वैक्सीन की भारी कमी है, बावजूद इसके केंद्र सरकार ने राज्य को वैक्सीन की सिर्फ साढ़े सात लाख डोज ही दी हैं। टोपे ने दावा किया कि जबकि उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात और हरियाणा जैसे राज्यों को इससे ज्यादा वैक्सीन की डोज दी गई हैं। उन्होंने आगे कहा कि महाराष्ट्र के साथ भेदभाव हो रहा है, वो भी ऐसे समय जब महाराष्ट्र में कोरोना सबसे तेजी से बढ़ रहा है और हमारे पास एक्टिव मरीजों की संख्या भी ज्यादा है। हमें कम वैक्सीन क्यों दी जा रही हैं।