प्रबंधन और प्रभावशाली रणनीति से गिरीश बापट को मिली शानदार जीत

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पुणे : पोलीसनामा ऑनलाईन – पालकमंत्री गिरीश बापट द्वारा पिछले 5 वर्षों में कार्यान्वित किये गये शहर के महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स, 40 वर्षों से बने उनके व्यक्तिगत संपर्क व पार्टी के मजबूत प्रबंधन के साथ ही चुनाव के दिनों में उनके द्वारा बनाई गई प्रभावशाली रणनीति के बल पर उन्हें भारी बहुमत से जीत हासिल हुई। उनकी विजय में व्यूह-रचना की भूमिका प्रभावशाली रही।

लोकसभा जैसा बड़ा चुनाव जीतने के लिए कई बातें महत्वपूर्ण होती हैं। इसमें उम्मीदवार की राजनीतिक रणनीति, प्रचार का मजबूत प्रबंधन, पार्टी के भीतर व सहयोगी दलों पर पकड़ मजबूत रखकर सभी को प्रचार में सक्रिय करना जरूरी होता है। सोशल मीडिया के बढ़ते प्रभाव के बीच सभी बातों को लेकर समन्वय स्थापित करना आवश्यक होता है और यही समन्वय उचित ढंग से साधने में बापट कामयाब साबित हुए। कुल मिलाकर उनके रणनीतिज्ञ सुनील माने व सहयोगियों द्वारा की गई प्लानिंग और उसके मुताबिक किये गये अमल से गिरीश बापट के गले में भारी बहुमतों के साथ जयमाला पड़ी।

रिपब्लिकन पार्टी के विभिन्न गुटों को अपने पक्ष में एकजुट करने के साथ ही रामविलास पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी के कार्यकर्ताओं को प्रोत्साहित करने तथा कांग्रेस के नाराज गुटों से संवाद स्थापित कर उन्हें बापट का काम करने के लिए प्रेरित करने जैसे कार्य उचित समय पर किये गये। उम्मीदवारी घोषित होने से पहले ही उद्यमियों व व्यवसायियों का स्नेह-सम्मेलन आयोजित कर पिछले 5 साल में शहर में हुए विकास कार्यों की रिपोर्ट बनाने के बाद उसका केंद्रीय मंत्री नितिन गड़करी व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के हाथों नागपुर में विमोचन किया गया। इस बीच यह ध्यान भी रखा गया कि मेट्रो- स्मार्ट सिटी, जायका, एसआरए आदि परियोजनाओं की रफ्तार धीमी न पड़े। चुनाव से पहले ही इन सब विषयों की समीक्षा कर सुनील माने व उनकी टीम ने योग्य रणनीति बनाकर उसका कार्यान्वयन किया।

भाजपा का प्रभावशाली प्रचार-प्रसार का सिस्टम साथ था, लेकिन उसके आधार पर बहुमत हासिल करने पर टीम ने ज्यादा फोकस किया, क्योंकि पिछले सांसद अनिल शिरोले को गत् चुनाव में 3 लाख 15 हजार वोटों का बहुमत मिला था। शिरोले का टिकट काटकर बापट को प्रत्याशी बनाये जाने से यदि वोट घट जाते तो पार्टी में अलग संदेश जा सकता था। इसी वजह से सुनील माने ने जीत के बजाय वोटों का आंकड़ा बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया। इसके लिए योजनाबद्ध ढंग से पूरी योजना बनाई और उसकी जानकारी पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस तक पहुंचाई। माने की टीम को इस बात का अंदाजा था कि कांग्रेस का जोर वड़गांव शेरी, शिवाजीनगर व पर्वती पर रहेगा और इस वजह से उन्होंने इन्हीं क्षेत्रों पर अधिक ध्यान दिया। इसके फलस्वरूप गिरीश बापट को सभी 6 विधानसभा क्षेत्रों से अभूतपूर्व बढ़त मिली।

गिरीश बापट पिछले लोकसभा चुनाव के समय ही उम्मीदवारी पाने में थोड़े में चूक गये थे और तभी से सुनील माने ने रणनीति बनाकर 2019 के लोकसभा चुनाव की तैयारी शुरू की थी। मनपा चुनाव में भी उम्मीदवारों के चयन के दौरान इस बात पर ध्यान दिया था कि ज्यादातर उम्मीदवारों की जीत हो। इन प्रयासों से भाजपा को अच्छी कामयाबी मिली। सुनील माने पत्रकार रह चुके हैं तथा 1998 से 2008 तक वे मराठी दैनिक ङ्गसकालफ में थे। इसी अवधि में उन्होंने राज्य में ङ्गएग्रोवनफ का नेटवर्क बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इसके जरिए किसानों ने इजरायल के दौरे भी किये थे। उन्होंने इसी मराठी दैनिक के दिल्ली प्रतिनिधि के रूप में भी काम किया था।

चलाई गईं तेज गतिविधियां
* राजनीतिक योंजना, विकासकार्यों की जानकारी जनता तक पहुंचाने हेतु समन्वय व प्रबंधन किया गया।
* हिंजवड़ी की ट्रैफिक समस्या, हिंजवड़ी- शिवाजीनगर मेट्रो, पुणे मेट्रो, स्मार्ट सिटी आदि में गिरीश बापट को समय-समय पर उचित सलाह दी गई।
* प्रचार के दौरान टीमों का मार्गदर्शन, विज्ञापन, रेडियो कैंपेन, वर्क रिपोर्ट, प्रचार गीत आदि पर विशेष ध्यान दिया गया।
* राज्य के दलित नेताओं से समन्वय स्थापित कर शहर के दलित संगठनों का बापट के लिए समर्थन जुटाया गया। उन्हें सत्ता में भागीदारी दिलाने को लेकर फॉलोअप किया गया।

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