धनंजय मुंडे पर फोड़ा ‘लेटर-बम’, लिखा -‘ विधायक बनाई अरबों की संपत्ति’ 

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ऑनलाइन टीम. मुंबई : राकांपा नेता और ठाकरे सरकार के सामाजिक न्याय मंत्री धनंजय मुंडे पारिवारिक उलझनों से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं। उनकी मुश्किलें किसी न किसी रूप में खड़ी हो रही हैं।

मुंडे की लिव-इन पार्टनर करुणा शर्मा एक-एक करके मुंडे के खिलाफ बम फोड़ती नजर आ रही हैं। ताजा मामले में उन्होंने सीधे मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को एक पत्र लिखकर न सिर्फ मुंडे को कटघरे में खड़ा किया है, बल्कि अन्य विधायकों के लिए समस्या खड़ी कर दी है। पत्र का मजमून ही ऐसा है कि लोग सोचने पर मजबूर हो सकते हैं। पत्र में उन्होंने लिखा है कि उनके पति ने विधायक रहते हुए ही काफी संपत्ति बनाई है। ऐसे में, मुंबई में विधायकों के लिए आवास बनाने पर 900 करोड़ रुपये खर्च करने का भला क्या मतलब? लिहाजा, सरकारी आवास मनोरा को बनाने पर पुनर्विचार करने की जरुरत है।  उन्होंने फेसबुक पर एक विडियो भी जारी किया है।

बता दें कि करुणा धनंजय मुंडे की दूसरी पत्नी हैं। सोशल मीडिया पर यह पोस्ट लिखकर उन्होंने सनसनी मचा दी थी कि हम दोनों के दो बच्चे भी हैं। इस खुलासे के बाद राजनीतिक क्षेत्र में खूब बवाल मचा था। इसके बाद करुणा शर्मा की बहन ने भी धनंजय मुंडे पर पर पहले यौन शोषण का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई थी, हालांकि बाद में उन्होंने अपनी शिकायत वापस लेते हुए मुंडे को क्लीन चिट दे दी थी। इसी दौरान राकांपा नेता ने स्वीकार किया था कि करुणा के साथ उनके सहमति से संबंध हैं और दोनों के दो बच्चे भी हैं, जिन्हें मुंडे ने अपना नाम दिया है।

बावजूद इसके करूणा को लगता है कि हमारी पूरी बातों से समाज अनभिज्ञ है। इसलिए करुणा ने हाल ही में धनंजय और अपने प्रेम संबंधों को लेकर एक किताब लिखने की घोषणा की है। किताब आनी बाकी है, लेकिन कलम के पहले करुणा जुबानी ताकत दिखा रही हैं, माध्यम बना है फेसबुक। एक विडियो जारी कर उन्होंने कहा है कि विधायक रहते ही उनके पति मुंडे ने परली (बीड) में तीन बंगले एक फॉर्महाउस, पुणे में दो बड़े बंगले और मुंबई में दो बड़े फ्लैट बनाए हैं। जिसमें से एक नरिमन पॉइंट और दूसरा सांताक्रुज में है। हमें एक सरकारी बंगला भी मिला हुआ है। मंत्री बनने से पहले विधायक रहते ही मेरे पति ने अपने लिए बहुत सारी संपत्तियां बना ली थीं।

यहां करुणा सियासी दांव खेलती नजर नजर आ रही हैं। वे खुद को समाजसेवी भी बताती है, इसलिए समाज से जुड़े गंभीर प्रश्नों को जनता और सरकार के सामने लाना अपना फर्ज मानती हैं। इस सरकारी आवास पर प्रश्चिह्न खड़ा करते हुए उन्होंने कहा है कि मालाड में धारावली गांव में पीने के लिए पानी तक नहीं है, वहां के लोग नाव से पानी लेने जाते हैं। वहां शौचालय की भी सुविधा नहीं है। जिस राज्य की जनता इतनी मुश्किलों में हो, वहां की सरकार अपने मंत्रियों-विधायकों के लिए 900 करोड़ रुपये खर्च आवास बनाने के बार में कैसे सोच सकती है। बेहतर होता कि वह इस पैसे का उपयोग समाज के उन रक्षकों पर खर्च करती, जिनका परिवार जर्जर आवासों में रहता है। इसमें पहला स्थान उन्होंने पुलिसवालों को दिया है।

बहरहाल, सियासी जंग तेज है। बिसात पर खुद नेताजी हैं, और शह-मात की बाजी करुणा के हाथ में है। सबसे बड़ी बात है कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे इस पर फैसला लेने में हिचक सकते हैं। करुणा की बातों में दम है, तो उनका आदेश बौना साबित हो सकता है और तब सरकार कठघरे में खड़ा हो सकती है। रही-सही बात पूरी करने के लिए विपक्ष है, उसे मौका चाहिए। देखना है कि ‘लेटर-बम’ कितना असरदार साबित होता है।

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