Cheating Case

पुणे : पुलिसनामा ऑनलाइन – Pune Crime News | मां को घर से बाहर निकालने के बाद बेटी ने उनकी देखभाल की. गंभीर बीमारी में सभी तरह का उपचार करवाया. इसलिए एक सीनियर सिटीजन महिला ने प्रॉपर्टी का अपना हिस्सा बेटी के नाम पर इनाम पत्र के रुप में दिया. इसका पता चलने पर बेटे ने मां का फर्जी सिग्नेचर कर फर्जी नोटराइज अधिकार छोड़ने का पत्र तैयार कर ठगी करने की घटना सामने आई है.(Pune Crime News)

इस मामले में जयश्री पृथ्वीराज चव्हाण (उम्र ६८, नि. मोहम्मदवाडी) ने फरासखाना पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई है. इसके अनुसार पुलिस ने प्रशांत पृथ्वीराज चव्हाण (नि. सोमवार पेठ) के खिलाफ केस दर्ज किया है. यह घटना मंगलवार पेठ के नोटरी रजिस्टार भारत गोगावले के कार्यालय में २९ जुलाई २०२१ में हुई थी.(Pune Crime News)

इस मामले में पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार शिकायतकर्ता के पति देहूरोड के ‍एम्युनेशन डिपोम में नौकरी करते थे. नौकरी पर रहते हुए १९ मई २००६ को उनका निधन हो गया. उन्हें प्रशांत, विनोद चव्हाण नामक दो बेटे व बेटी नम्रता मोरे इस तरह से तीन बच्चे है. पति के निधन के बाद उन्होंने बेटे प्रशांत के साथ आंबेगांव पठार के गणेश कॉम्प्लेक्स में आधा आधा हिस्सा वाला सामाइक फ्लैट खरीदा था. उन्हें मिलने वाले पेंशन की रकम का हिसाब बड़ा बेटा प्रशांत व बहू नीता चव्हाण रखते थे. किराया भी वे व्यक्तिगत उपयोग के लिए इस्तेमाल करते थे. इसके बावजूद उन्हें शारीरिक व मानसिक रुप से प्रताड़ित कर मार्च २०१६ में शिकायतकर्ता को घर से बाहर निकाल दिया.

इसके बाद उनकी बेटी नम्रता मोरे ने उनकी देखभाल की. छोटा बेटा विनोद चव्हाण भी उनके साथ खड़ा रहा.
इसके बाद उन्हें जुलाई २०१६ में कैंसर होने का पता चला. इसके लिए लगने वाला खर्च भी उनकी बेटी करती थी.
फ्लैट के किराए के  हिस्से को लेकर उन्होंने बड़े बेटे से पैसा मांगा तो गुस्से में गाली गलौज करने लगा.
इस पर उन्होंने फ्लैट के हिस्से का मुआवजा मांगा.
यह देने से भी बेटे ने इंकार कर दिया. इसके बाद उन्होंने खुद को संभालने वाली व उपचार व दवा पर खर्च करने वाली बेटी के नाम पर अपने फ्लैट के हिस्से का इनाम पत्र २०१८ में कानूनी तौर पर करके दे दिया.

बेटे ने फ्लैट को खुद से बेचने का प्रयास किया. इसे लेकर उन्होंने समर्थ पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई थी.
उनकी शिकायत की जांच के दौरान पुलिस ने प्रशांत को बुलाया था.
उस वक्त प्रशांत द्वारा पुलिस को पेश किए गए कागजात में नोटरी रजिस्टर किया एक अधिकार छोड़ने
वाला पत्र था. ५०० रुपए के स्टैम्प पेपर पर उनका फर्जी सिग्नेचर किए जाने की
बात शिकायतकर्ता के संज्ञान में आई.
नोटरी रजिस्टार भारत गोगावले के कार्यालय में यह नोटरी किया गया नजर आया.
उनकी प्रॉपर्टी में उनके हिस्से का आर्थिक लाभ नहीं मिले इस मकसद से फर्जी नोटराइज
अधिकार छोड़ने वाला पत्र बेटे ने बनवाया था. विश्वासघात कर ठगी करने की शिकायतकर्ता ने की है.
पुलिस उपनिरीक्षक माने मामले की जांच कर रहे है.

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