फर्जी एफडीआर मामले में 18 ठेकेदार ब्लैक लिस्टेड

ऑनलाइन ठगी
December 18, 2020
फौजदारी कार्रवाई करने की प्रक्रिया भी शुरू
पिंपरी। फर्जी एफडीआर (फिक्स्ड डिपॉजिट रिसीट) और बैंक गारंटी देकर ठेका हासिल करनेवाले 18 ठेकेदारों के खिलाफ पिंपरी चिंचवड़ मनपा प्रशासन ने बड़ा कदम उठाया है। इन सभी ठेकेदारों को ब्लैक लिस्टेड करते हुए उनके खिलाफ फौजदारी कार्रवाई करने की प्रक्रिया शुरू की गई है। इन ठेकेदारों को तीन वर्ष तक मनपा की किसी टेंडर प्रक्रिया में हिस्सा लेने पर रोक लगाई गई है। मनपा की इस कार्रवाई से ठेकेदारों की लॉबी में खलबली मच गई है।
जिन 18 ठेकेदारों को ब्लैक लिस्ट में शामिल किया गया है उनमें श्री दत्त कृपा एंटरप्राईजेस, सोपान जनार्दन घोडके, दीप एंटरप्राईजेस, बीके खोसे, बीके कन्स्ट्रक्शन एंड इंजिनिअरिंग, एचए भोसले, भैरवनाथ कन्सट्रक्शन, कृति कन्स्ट्रक्शन, डीजे एंटरप्राईजेस, म्हालसा कन्सट्रक्शन प्रा. लि, अतुल आरएमसी, पाटील एंड असोसिएट, डीडी कन्स्ट्रक्शन, एसबी सवाई, चैतन्य एंटरप्रायजेस, वैदही कन्स्ट्रक्शन, त्रिमुर्ती कन्स्ट्रक्शन और राधिका कन्स्ट्रक्शन आदि ठेकेदार कंपनियों का समावेश है। उन्हें तीन साल तक मनपा की टेंडर प्रक्रिया में हिस्सा लेने पर प्रतिबंध लगाया गया है।
मनपा द्वारा सालाना हजारों कार्यों के लिए निविदाएं आमंत्रित की जाती है। निविदाओं में प्रतियोगिता होती है और निविदाएं 20, 25, 30, 32 प्रतिशत कम दरों पर भरी जाती हैं और ठेका हासिल किया जाता है। ठेका पाने के बाद, एफडीआर को पीएसडी के रूप में देना अनिवार्य है। मनपा यह सत्यापित नहीं करती है कि प्रस्तुत एफडीआर गलत है या सत्य। इसका फ़ायदा उठाते हुए, फर्जी एफडीआर तैयार करनेवाला गिरोह सक्रिय हो गया। ठेकेदार ऐसे नकली एफडीआर को मनपा को सौंप रहे हैं। इस बारे में भाजपा विधायक लक्ष्मण जगताप और राष्ट्रवादी कांग्रेस के विधायक अण्णा बनसोडे ने इस मामले में व्यापक जांच कर दोषी ठेकेदारों और अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज कर उन्हें ब्लैकलिस्ट में शामिल करने की मांग की थी।
विधायक बनसोडे ने पिछले 3 वर्षों में लागू किए गए टेंडर मेंं 11% से कम दर भरनेवाले ठेकेदारों द्वारा पीएसडी के रूप में दिए गए एफडीआर की जांच की मांग की थी। मनपा को यह सुनिश्चित नहीं है कि ठेकेदारों द्वारा पीएसडी के रूप में जारी किए गए एफडीआर सही है या नहीं। फर्जी एफडीआर बनाने के लिए शहर में गिरोह काम कर रहे हैं और ऐसे कई फर्जी एफडीआर ठेकेदारों ने मनपा को दिए हैं। इस मामले में एक बड़ा रैकेट सक्रिय है और ठेकेदार और अधिकारी की मिलीभगत के कारण इस मामले को संज्ञान में नहीं लिया गया है, यह आरोप भी उन्होंने लगाया। इस शिकायत और आरोपों को गंभीरता से लेते हुए मनपा आयुक्त श्रावण हार्डिकर ने एफडीआर जांचने के आदेश दिए हैं।
इसकी जांच में 107 टेंडर में उक्त 18 ठेकेदारों द्वारा फर्जी एफडीआर और बैंक गारंटी देने की चौंकानेवाली जानकारी सामने आई। मनपा आयुक्त श्रावण हार्डिकर ने इन सभी ठेकेदारों को ब्लैक लिस्ट में शामिल कर उनके खिलाफ फौजदारी कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं। इस मसले पर स्थायी समिति की पिछली बैठक में खासा हंगामा हुआ था। इसके बाद प्रशासन ने यह बड़ा कदम उठाया है। बहरहाल नगरसेवकों के साथ पार्टनरशिप में रहे ठेकेदारों को इस कार्रवाई से दूर रखने के लिए प्रशासन पर सियासी दबाव बढ़ने की खबर है।