Central Railway | मध्य रेल के विस्टाडोम कोच को जबरदस्त रिस्पॉन्स, अक्टूबर से दिसंबर के बीच 2.38 करोड़ रुपये की आय
मुंबई : मध्य रेल (Central Railway) के विस्टाडोम कोचों (Vistadome Coach) को यात्रियों से जबरदस्त प्रतिसाद मिला है। चाहे वह मुंबई-गोवा मार्ग (Mumbai-Goa route) की सुंदर वादियों/ घाटियों, नदियों और झरनों वाले दृश्य हों या मुंबई-पुणे मार्ग में पश्चिमी घाट के प्राकृतिक सौन्दर्य के विहंगम दृश्य हों, कांच की छत का शीर्ष और चौड़ी खिड़की के शीशे वाले ये कोच हिट (Central Railway) साबित हुए हैं ।
मध्य रेल (Central Railway) ने अक्टूबर से दिसंबर-2021 के बीच 2.38 करोड़ रुपये का राजस्व दर्ज करते हुए 20,407 यात्रियों का परिवहन किया है। सीएसएमटी- मडगांव- सीएसएममटी जनशताब्दी एक्सप्रेस (CSMT- Madgaon- CSMT Janshatabdi Express) 100% यात्रियों के साथ सबसे अग्रणी है, यानी 7,754 यात्रियों से 1.40 करोड़ रुपये का राजस्व दर्ज किया है। सीएसएमटी-पुणे-सीएसएमटी डेक्कन एक्सप्रेस (CSMT-Pune-CSMT Deccan Express) 90.43% यानी 7,185 यात्रियों से 50.96 लाख रुपये के अर्जित राजस्व किया है, इसके बाद 5,468 यात्रियों के साथ डेक्कन क्वीन (Deccan Queen) से 46.30 लाख रुपये का अर्जन हुआ है। डेक्कन क्वीन अप डायरेक्शन यानी पुणे से मुंबई तक 94.28 प्रतिशत ऑक्यूपेंसी के साथ अधिक लोकप्रिय है।
विस्टाडोम कोचों को पहली बार 2018 में मुंबई-मडगांव जनशताब्दी एक्सप्रेस (Mumbai-Margao Janshatabdi Express) में लगाया गया था। इन कोचों की अत्यधिक लोकप्रियता के कारण इन कोचों को मुंबई-पुणे डेक्कन एक्सप्रेस में दिनांक 26.6.2021 से लगाया गया था। यात्रियों की भारी मांग को देखते हुए मुंबई-पुणे रूट पर दूसरा विस्टाडोम कोच दिनांक 15.8.2021 से डेक्कन क्वीन में जोड़ा गया।
विशिष्ट विस्टाडोम डिब्बों में शीशे की छत के अलावा कई और विशेषताएं हैं जैसे चौड़ी खिड़की के शीशे, एलईडी लाइट, रोटेटेबल सीटें और पुशबैक चेयर, जीपीएस आधारित सूचना प्रणाली, कई टेलीविजन स्क्रीन, विद्युत संचालित स्वचालित स्लाइडिंग कम्पार्टमेंट दरवाजे, दिव्यांगों के लिए चौड़े साइड स्लाइडिंग दरवाजे, सिरेमिक टाइल फर्श वाले शौचालय आदि और अंत में है अत्यधिक लोकप्रिय वीविंग गैलरी।
मध्य रेल (Central Railway) के माटुंगा कारखाना द्वारा डेक्कन क्वीन में विस्टाडोम कोच का नवीनीकरण और सजावट की गई है। विस्टाडोम कोचों ने पर्यटन को बढ़ावा दिया है और भारतीय रेल (Indian Railway) में लक्जरी यात्रा की अवधारणा में क्रांति ला दी है।