स्पेशल ट्रेनों में जेब काट रही सरकार, कम से कम 500 किलोमीटर का किराया देना ही होगा

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नई दिल्ली. ऑनलाइन टीम

कोरोनाकाल में यात्रियों की सुविधा के लिए चलाई जा रही रेलवे स्पेशल ट्रेनों में सफर करने वालों की जमकर जेब काटी जा रही है। उनसे स्पेशल चार्ज तो लिया ही जा रहा है और अब किलोमीटर रेस्ट्रिक्शन चार्ज की वसूली भी होने लगी है। मतलब यह कि अगर आप लंबी दूरी की ट्रेनों में यात्रा कर रहे हैं और कम से कम भी दूरी का सफर करेंगे, तो 500 किमी तक का किराया देना ही होगा।

आधिकारिक सूत्रों की मानें तो रेलवे की ओर से स्पेशल किराए को भी श्रेणीवार क्लासीफाई कर दिया गया है। सेकंड क्लास के लिए बेस फेयर का 10 फीसदी और स्लीपर तथा एसी क्लास के लिए अधिकतम 30 फीसदी स्पेशल चार्ज के रूप में लिया जाएगा। पूर्व मध्य रेल के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी राजेश कुमार ने कहा कि स्पेशल ट्रेनों में स्पेशल किराया लेने का प्रावधान काफी पहले से है। कोरोना काल में रेलवे ट्रेनों और स्टेशनों के रखरखाव पर काफी खर्च कर रहा है। इसके लिए मूल किराये का 10 से 20 फीसदी तक अधिक लेने का प्रावधान है।

पटना जंक्शन से किसी भी स्पेशल ट्रेन से यात्री स्लीपर, एसी थर्ड अथवा एसी सेकंड में दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन, इलाहाबाद या बीच के किसी भी स्टेशन तक जाएंगे तो उन्हें कानपुर या लखनऊ तक का किराया देना होगा।

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