ऑप्टिमाइज्ड प्रणाली से ट्रैफिक के साथ पॉल्युशन कंट्रोल संभव

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पिंपरी : पोलीसनामा ऑनलाईन – वाहनों की घनी आबादी के चलते पुणे और पिंपरी चिंचवड समेत महानगरों में ट्रैफिक और प्रदूषण की समस्या भीषण बनते जा रही है। ऐसे में जहां ट्रैफिक और प्रदूषण कंट्रोल एक चुनौती बन गया है वहीं  पिंपरी चिंचवड के एक छात्र ने ऑप्टिमाइज्ड प्रणाली से ट्रैफिक और पॉल्युशन कंट्रोल को संभव बताने दावा किया है। ताथवड़े में राजर्षि शाहू इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्र करण शंकर वाघेरे नामक छात्र ने इसका पेटन्ट विकसित किया है। अब इसे स्मार्ट सिटी योजना में शामिल करने की कोशिश जारी है।

ताथवडे में जयवंत शिक्षण प्रसारक मंडली (जेएसपीएम) के राजर्षि शाहू कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग की कम्प्यूटर संकाय के चौथे साल की शिक्षा हासिल रहे करण वाघेरे ने प्राचार्य डाॅ.आर. के. जैन और प्रा. संतोष जव्हेरी के मार्गदर्शन में यह पेटन्ट विकसित किया है। उसका यह पेटन्ट रजिस्टर्ड हो गया है। इस कम्प्यूटर प्रणाली में एक ही सर्वर में कई इन्फ्रारेड सेंन्सर का समावेश कर ऑप्टिमाइज पद्धति से पूरे शहर के सिग्नलों के कंट्रोल के जरिए ट्रैफिक कंट्रोल करना संभव है।कई बार ऐसा होता है कि सड़कों पर वाहनों की आवाजाही न रहते हुए भी सिग्नल शुरू रहता है। इसके चलते विरुद्ध या दाएं- बाएं से आनेवाले वाहनों को बेवजह रुकना पड़ता है। तीनों दिशा के वाहनों के इंजन भी शुरू रहते हैं जिसमें ईंधन और समय की बर्बादी तो होती है साथ में प्रदूषण भी बढ़ता है। करण वाघेरे द्वारा विकसित कम्प्यूटर प्रणाली से सिग्नल पर रुके वाहन सेंसर से सर्वर में दर्ज होकर जिस मार्ग पर ज्यादा वाहन रुके हैं उनके लिए सिग्नल ग्रीन कर उन्हें पहले पास होने दिया जाता है।

जहां कम वाहन हैं उनके लिए सिग्नल रेड ही रह जाता है।वाहनों की संख्या के अनुसार सिग्नल का टाइमर जरूरत के हिसाब से सेट किया जा सकता है। इसमें दमकल, पुलिस, एम्बुलेंस जैसे इमरजेंसी वाले वाहनों व अन्य इमरजेंसी में मानवी हस्तक्षेप किया जा सकता है। इस प्रणाली में जमा होनेवाला डाटा सुरक्षित एन्क्रिप्ट किया जा सकता है। इसमें आईआर सेंसर का इस्तेमाल किये जाने से एक शहर की ट्रैफिक कंट्रोल करने में आनेवाले खर्च कम हो सकता है। पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर इस प्रणाली को पुणे व पिंपरी चिंचवड शहरों में स्मार्ट सिटी योजना के तहत शामिल किया जा सकता है। इसके लिए प्रयास जारी रहने की जानकारी प्राचार्य डॉ जैन ने दी।

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