जम्बो हॉस्पिटल में बनी पोस्ट कोविड ओपीडी

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पुणे : शिवाजीनगर शासकीय अभियांत्रिकी कॉलेज के मैदान पर बनाये गए अत्याधुनिक जम्बो कोविड हॉस्पिटल में कोरोना बीमारी से ठीक हुए मरीजों को नि:शुल्क स्वास्थ्य परीक्षण सुविधा उपलब्ध कि गई है. इस उद्देश्य से स्वतंत्र बाह्य रूग्ण विभाग (पोस्ट कोविड ओपीडी) स्थापित किया गया है.

कोरोना पीड़ितों को एक छत के नीचे अप-टू-डेट वैद्यकीय सुविधाओं से सुसज्जित वैद्यकीय सेवाएं प्रदान की जा रही हैं. पिछले ४३ दिनों में १,२०० से अधिक रोगियों को उपचार के लिए शिवाजीनगर के जम्बो कोविड अस्पताल में भर्ती कराया गया है, उनमें से ६० प्रतिशत से अधिक बिमार अपनी बिमारी से उबर चुके हैं और घर चले गए हैं. बुजुर्ग हैं और कोरोना सहित अन्य जटिल बिमारीया हैं ऐसे रोगीयों को लगभग डेढ़ महीने के सफल इलाज इलाज देने में यहां के डॉक्टऱो को सफलता हासिल हुई है. कुछ रोगियों को सचमुच एक पखवाड़े तक अतिदक्षता विभाग (आईसीयू) में मौत से जूझना पड़ा. हालांकि, सटीक निदान, उचित उपचार और प्रभावी दवा योजना के तीन-आयामी दृष्टिकोण के कारण, जंबो अस्पताल से ठीक होकर बाहर निकलने वाले रोगियों की संख्या बढ़ रही है,” ऐसे जानकारी अस्पताल द्वारा दे दी गई.

हालांकि, मौजूदा स्थिति में कोरोनामुक्त है फिर भी चिटा मुक्त नहीं हो सकते. मधुमेह, उच्च रक्तदाब और हृदय रोग के रोगी, विशेष रूप से, हृदय रोगीओ को कोरोना मुक्त होने के बाद भी जोखिम में रहते हैं. कोरोना मुक्त होने के बाद भी लगभग एक महीने तक हार्ट की बीमारी का खतरा रहता है. इससे हार्ड की क्रिया अचानक बंद पड़के मरीज की मृत्य होने का थोड़ा चान्स रहता है. साथ ही, कुछ रोगियों को पक्षाघात होते हुए देखने को मिला है. साथ ही, कई दिनों तक फेफड़ों की बीमारी शुरू रहने का निदान किया गया है. इसने कोरोना-मुक्त रोगियों की नियमित स्वास्थ्य जांच की एक बड़ी आवश्यकता पैदा हुई है. इस जरूरत को समझते हुए जंबो अस्पताल में पोस्ट कोविड ओपीडी शुरू की गई., ऐसी जानकारी अस्पताल की तरफ से दी गई.

अस्पताल में इलाज के द्वारा ठीक हुये मरीज और डॉक्टर के बीच एक भरोसेमंद रिश्ता विकसित हुआ है. परिणामस्वरूप, अधिकांश मरीज अस्पताल से घर लौटने के बाद फॉलोअप पोस्ट कोविड ओपीडी के लिए आते हैं, ऐसा निरीक्षण यहां के डॉक्टरों ने द्वारा किया गया है. मरीजों की यह स्वास्थ्य जांच पूरी तरह से मुफ्त है. आवश्यकता पड़ने पर ही रोगी की एक्स-रे ली जाती है. साथ ही जरूरी जांचों की भी सलाह दी जाती है. तो जंबो अस्पताल और रोगी,उनके रिश्तेदारों के बीच आत्मीयता निर्माण होते हुये देखने को मिल रहा है.

कोरोना के बाद खतरा
-हार्ट में चोट आना
-यह चोट को ठीक करने में लगने वाला समय
-अंदर से दिल की सूजन की संभावना
– रक्तवाहिनियों में सूजन
-रक्त के थक्कों का गठन
-उसी के कारन दिल का दौरा पड़ने की संभावना
-श्वसन संबंधी विकारों के जोखिम

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