कोर्ट ने जिसकी जमानत याचिका ख़ारिज की उस आरोपी ने मुख़्यमंत्री से मुलाकात की, राजनीतिक चाचाओं का बाजार गर्म 

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अहमदनगर : पुलिसनामा ऑनलाईन – जिला व सत्र न्यायालय दवारा  गिरफ़्तारी पूर्व जमानत याचिका ख़ारिज किये जाने के बाद से फरार चल रहे शिवसेना के उपनेता अनिल राठोड सीधे मुख्यमंत्री से मुलाकात करने गए थे ।  जिस आरोपी की जमानत याचिका कोर्ट ने ख़ारिज कर दी है वह आरोपी सीधे मुख़्यमंत्री से मिलता है और उसे कोई गिरफ्तार नहीं करता है । ऐसे में सवाल उठता है कि क्या यह कानून का राज है?
मनपा का प्रभारी सिटी इंजीनियर विलास सोनटक्के पर जूता फेंकने के मामले में शिवसेना के उपनेता अनिल राठोड सहित कई शिवसैनिकों के खिलाफ सरकारी काम में अड़चन पैदा करने का केस तोफखाना पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया है।  इस मामले में नगरसेवक और अन्य लोगों को गिरफ्तार किया गया था जबकि अन्य कुछ लोगों को जमानत मिल चुकी है । लेकिन राठोड अभी तक फरार चल रहे है ।
कोर्ट ख़ारिज कर चुका है जमानत याचिका 
इस घटना से पहले राठोड ने अधिकारियों पर शिवसैनिकों के खिलाफ झूठा केस दर्ज कराने का तर्क दिया था । इसे लेकर एक वीडियो वायरल हुआ था. राठोड के तर्क को पुलिस ने कोर्ट के समक्ष रखा था ।  इसके बाद कोर्ट ने शिवसेना उप नेता की गिरफ़्तारी पूर्व जमानत याचिका ख़ारिज कर दी।  इसके बाद राठोड मुंबई हाई कोर्ट इ औरंगाबाद खंडपीठ का दरवाजा खटखटाया था । लेकिन स्थिति का आकलन करते हुए उन्होंने खुद से अपनी याचिका  वापस ले ली । बगैर किसी तरह की जमानत मिले शिवसेना उपनेता राठोड शहर के विभिन्न कारकर्मों में शामिल हो रहे है । इसके बावजूद उन्हें गिरफ्तार करने की हिम्मत पुलिस प्रशासन में नहीं हैं।  इसमें बड़ा राजनीतिक दवाब की भूमिका मानी जा रही है।
फरार आरोपी दो बार मुख्यमंत्री से मिल चुका 
पुलिस के रिकॉर्ड में फरार आरोपी राठोड दो बार मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से दो बार मिल चुके है ।  दो दिन पहले वह मुंबई में मुख्यमंत्री से मुलाकात की ।  ऐसे में सवाल उठ  रहा है कि जिस आरोपी की जमानत याचिका ख़ारिज हो चुकी है वह मुख्यमंत्री से मिलता है. इसके पीछे किसका दवाब है।
किसके दवाब में है पुलिस 
यह गंभीर सवाल खड़ा हो गया है कि कोर्ट से ज्यादा राजनीतिक दवाब ज्यादा बड़ा है । इस घटना से कानून व्यवस्था की धज्जियां उड़ गई है ।  सवाल उठ रहा है कि पुलिस प्रशासन किसके दवाब में काम कर रहा है।  ऐसी स्तिथि में भी पुलिस चुपचाप बैठी है ।
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