लोकसभा चुनाव के दौरान डूब गए निवेशकों के करीब 10 लाख करोड़ रुपए

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नई दिल्ली : पोलीसनामा ऑनलाईन – लोकसभा चुनाव 2019 की शुरुवात होते ही इसका सीधा असर शेयर मार्केट पर देखने को मिला। 11 अप्रैल को शुरू हुए मतदान के बाद से  शेयर मार्केट में भी काफी कुछ बदलाव आ चुका है। इन छह चरणों के बीच अब तक शेयर मार्केट के निवेशकों को करीब 10 लाख करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है। मतलब साफ है कि जो सिलसिला मौजूदा सरकार के प्रति विश्वास का पहले चरण के मतदान से शुरू हुआ था, वो अब लगभग खत्म सा दिखाई दे रहा है।

अकेले लोकसभा चुनाव ही नहीं पिछले 10 दिनों में अमरीका और चीन का ट्रेड वॉर भी इस नुकसान के लिए जिम्मेदार रहा है। लेकिन, यहां ज्यादा जिम्मेदारी सरकार के प्रति विश्वास कम होने की ज्यादा रही है। गत दिन यानि कि सोमवार को सेंसेक्स और निफ्टी में भारी गिरावट देखने को मिली थी। अगर बात आंकड़ों की करें तो सेंसेक्स में 372.17 अंकों की गिरावट देखने को मिली। बीएसई का मार्केट कैप 1,44,55,026.09 करोड़ रुपए पर आ गया। जिसकी वजह से शुक्रवार के मार्केट कैप के मुकाबले सोमवार का मार्केट 2,11,562 करोड़ रुपए से कम मिला। यानी सप्ताह के पहले कारोबारी दिन निवेशकों को 2,11,562 करोड़ रुपए का नुकसान उठाना पड़ा। चुनाव की शुरुवात से इस बात का अंदाजा 16 अप्रैल को बीएसई के प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स को देखकर लगाया जा सकता है। 16 अप्रैल को सेंसेक्स 39364 अंकों पर बंद हुआ था। उसके बाद से मार्केट में गिरावट का ही देखने को मिला है। 13 मई को सेंसेक्स 37090.82 अंकों पर बंद हुआ है।

यानी करीब एक महीने में सेंसेक्स में 2273 अंकों की गिरावट आ चुकी है। वहीं बात मार्केट कैप की करें तो 16 अप्रैल को बीएसई का मार्केट कैप 1,54,23,532.13 करोड़ रुपए था। सोमवार के मार्केट कैप से तुलना करें तो निवेशकों को 9,68,506 रुपए का नुकसान हो चुका है। 26 अप्रैल से लेकर 13 मई तक सेंसेक्स को 1,940.73 अंकों का नुकसान उठाना पड़ा है। अगर बात मार्केटकैप की करें तो 26 अप्रैल को बीएसई का मार्केट कैप 1,53,08,828.49 करोड़ रुपए था। अगर इसकी तुलना सोमवार के मार्केट कैप से करें तो निवेशकों को 8,53,788.75 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है।

इन पर सबसे ज्यादा असर – बीते 9 कारोबारी सत्रों में जिन सेक्टर पर सबसे ज्यादा असर देखने को मिला है वो फार्मा, कैपिटल गुड्स, पॉवर, ऑयल एंड गैस, मेटल, ऑटो, एनर्जी और बैंकिंग सेक्टर हैं। इन सभी में 3.53 फीसदी की गिरावट आ चुकी है। अगर बात बीएसई मिडकैप और बीएसई स्मॉलकैप की करें तो दोनों में 2.15 फीसदी नीचे गिर चुके हैं। वहीं दूसरी ओर शेयर की बात करें तो सनफार्मा के शेयरों में 26 अप्रैल के बाद सबसे ज्यादा गिरावट देखने को मिली है। सनफार्मा के शेयर इस दौरान 9.39 फीसदी की गिरावट आ चुकी है।

गिरावट का दौर अभी थमने वाला नहीं – जानकारों की मानें तो बाजार में गिरावट का दौर अभी थमने वाला नहीं है। आने वाले दिनों में चीन अमरीकी सामानों पर आयात शुल्क बढ़ाने जा रहा है। जिससे ट्रेड वॉर की स्थिति में और मजबूती आएगी। बहुत सारी अंतराष्ट्रीय समस्या का असर भी मार्केट में नकारात्मक दिखाई दे सकता है। ऐसे में मार्केट में गिरावट का दौर अभी दिखाई दे सकता है।

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