DNA : सदी के सबसे बड़े सीक्रेट ऑपरेशन का DNA टेस्ट
नई दिल्ली, पोलिसनामा ऑनलाईन – अमेरिका ने 50 वर्षो तक दुनिया के 120 देशों की जासूसी करवाई और उन देशों को इस सीक्रेट ऑपरेशन की जानकारी की खबर नहीं लगी। अब अमेरिका ने इसका खुलासा किया है. अमेरिका की ख़ुफ़िया एजेंसी सीआईए ने भारत और पाकिस्तान सहित दुनिया के 120 देशों के बारे में पूरी खबर थी. इस जानकारी के आधार पर अमेरिका किसी देश के खिलाफ युद्ध जितने के प्लान बनाता रहा. इसे इस सदी का सबसे बड़ा सीक्रेट ऑपरेशन माना जा रहा है।
बताया जाता है कि दूसरे विश्व युद्ध के बाद स्विट्ज़रलैंड की एक कंपनी Crypto AG ने जासूसी उपकरणों को बनाना और बेचना शुरू किया था। 195 1 में अमेरिका ख़ुफ़िया एजेंसी सीआईए ने जर्मनी के साथ मिलकर Crypto AG कंपनी के साथ समझौता किया और 1970 के दशक में इस कंपनी को खरीद लिया। अमेरिका ने इसके बाद मित्र देशों को ये उपकरण बेचे. इसमें भारत भी शामिल था. इस उपकरण में दो वक्तियो के बीच की जानकारियों का आदान प्रदान निजी हो जाता है और कोई व्यक्ति इसे पढ़ नहीं सकता है।
पांच दशकों तक जारी रहा जासूसी का ऑपरेशन
1970 से लेकर 2018 तक यानी करीब 5 दशकों तक जासूसी का यह ऑपरेशन चलता रहा. ये साफ नहीं है कि भारत की कितनी और किस हद तक जासूसी की गई. वर्ष 2018 तक Crypto AG के जासूसी उपकरण का इस्तेमाल दुनिया के 10 से ज्यादा देशो में किया जा रहा था. इसके बाद यह काम डिजिटली हो गया. सीआईए ने 2018 में इस कंपनी को बेच दिया।
द वाशिंगटन पोस्ट ने किया बड़ा खुलासा
अमेरिकी अख़बार द वाशिंगटन पोस्ट ने जर्मनी के एक ,मीडिया हाउस के साथ मिलकर इस मामले का खुलासा किया है. मंगलवार को स्विट्ज़रलैंड की सरकार ने इस मामले की जांच शुरू कर दी. अब संभव है कि तीसरा विश्व युद्ध हथियारों से नहीं बल्कि एक दूसरे के सीक्रेट चुराकर लगा जाएगा। परमाणु बम से हमला करने की स्थिति में लाखो लोगों की जान जाएगी। इसलिए संभावना है कि दुश्मन देश का डेटा चुराकर उसे घुटनो पर ला दिया जाए.
सीआईए ने 2017 में मोबाइल फ़ोन हैक करने लिए बनाये थे सॉफ्टवेयर
2017 में लीक हुए कुछ डाक्यूमेंट्स से पता चला है कि सीआईए ने मोबाइल फ़ोन और टीवी हैक करने के लिए विशेष प्रकार के सॉफ्टवेयर बनाये थे. सीआईए ने मोबाइल फ़ोन की तरह स्मार्ट टीवी को भी हैक करने का तरीका तैयार किया है. इसकी मदद से स्मार्ट टीवी के जरिये वहां की आवाज और वीडियो को रिकॉर्ड कर सकता है. लेकिन वहां के लोगों को लगेगा उनका स्मार्ट टीवी बंद है.
इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स या मोबाइल फ़ोन पूरी तरह सुरक्षित नहीं