वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कोयला, एयरस्पेस, डिफेंस…राहत पैकेज को लेकर किये 8 बड़े ऐलान

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नई दिल्ली : समाचार ऑनलाइन – वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज यानि शनिवार को प्रेस कान्फ्रेंस के जरिये 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज से जुड़ी चौथी चरण की घोषणाएं कर रही हैं। सीतारमण की ओर से बुधवार से लगातार रोज शाम 4 बजे मीडिया के सामने लॉकडाउन से प्रभावित लोगों, सेक्टर्स एवं उद्योगों के लिए किए जा रहे उपायों की घोषणा की। वित्त मंत्री ने अब तक की तीन किस्तों में किसानों, पशुपालकों, MSME सेक्टर, प्रवासी मजदूरों, स्ट्रीट वेंडर्स और अन्य तबके के लिए कई तरह की राहत उपायों की घोषणा की है।

आज कोयला, मिनरल्स, डिफेंस प्रोडक्शन, एयरस्पेस मैनेजमेंट, एयरपोर्ट, MRO, केंद्रशासित प्रदेशों की बिजली वितरण कंपनियां, स्पेस, एटोमिक एनर्जी जैसे आठ सेक्टर्स पर बात की।

कोयला – वित्त मंत्री निर्मला सीतरमण ने कहा कोयला क्षेत्र के लिए 50 हजार करोड़ रुपये का फंड, 50 नए ब्लॉक तत्काल उपलब्ध कराए जाएंगे। बड़े कोल बेड की सरकार नीलामी करेगी। सीतारमण ने कहा कि कोयला क्षेत्र में कमर्शल माइनिंग होगी और सरकार का एकाधिकार खत्म होगा। कोयला उत्पादन क्षेत्र में आत्मनिर्भरता कैसे बने और कैसे कम से कम आयात करना पड़े, इसपर काम करना है। ज्यादा से ज्यादा खनन हो सके और देश के उद्योगों को बल मिले। 50 ऐसे नए ब्लॉक नीलामी के लिए उपलब्ध होंगे। पात्रता की बड़ी शर्तें नहीं रहेंगी। कोल इंडिया लिमिटेड की खदाने भी प्राइवेट सेक्टर को दी जाएंगी।

खनिज – 500 माइनिंग ब्लॉक की नीलामी होगी। इसके अलावा कैप्टिव और नॉन कैप्टिव माइंस की परिभाषा बदलेगी। एक मिनरल इंडेक्स बनेगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतरमण ने कहा माइनिंग लीज का ट्रांस्फर हो सकेगा। इससे एल्युमीनियम इंडस्ट्री को फायदा हो, बिजली बचे।

डिफेंस – निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार ऐसे हथियार, वस्तुओं, स्पेयर्स को नोटिफाइ करेगी जिसमें आयात को बैन किया जाएगा और उनकी स्वदेशी आपूर्ति की जाएगी। सेना को आधुनिक हथियारों की जरूरत, रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर होना है जिससे रक्षा क्षेत्र में निर्यात का खर्च बचाया जा सके। रक्षा उत्पादन में देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए ‘मेक इन इंडिया’ बिल्कुल अपरिहार्य है। सरकार ऐसे हथियारों एवं प्लेटफॉर्म की लिस्ट अधिसूचित करेगी, जिनके आयात को प्रतिबंधित कर दिया जाएगा। इस लिस्ट में शामिल हथियारों एवं प्लेटफॉर्म को देश से खरीदा जाएगा। इससे रक्षा उत्पादों के आयात पर आने वाले खर्च में कमी लाने में मदद मिलेगी।साथ ही डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग में ऑटोमैटिक रूट्स के जरिए FDI की सीमा को 49 से बढ़ाकर 74 फीसद किया जाएगा।

एयरस्पेस – भारतीय वायु क्षेत्र का फिलहाल 60 फीसदी ही उपयोग होता है। इस प्रतिबंध को कम किया जाएगा ताकि नागरिक उड़ान अधिक कुशल हो और विमान छोटे रास्ते चुन सकें। इससे लोगों का समय बचेगा, पर्यावरण को कम नुकसान होगा, खर्च कम होगा। विमानन क्षेत्र के लिए प्रति वर्ष 1000 करोड़ का लाभ दिया जाएगा।

पीपीपी मॉडल से एयरपोर्ट का विकास
एयरस्पेस बढ़ने से बढ़ेगी आमदनी
6 एयरपोर्ट के विकास की योजना
एयरस्पेस बढ़ने से 1 हजार करोड़ बचेंगे
महज 60% हवाई क्षेत्र नागरिक विमानों के लिए उपलब्ध

6 नए एयरपोर्ट की नीलामी होगी –
पीपीपी मॉडल पर नए एयरपोर्ट की नीलामी
निजी क्षेत्र 12 मौजूदा एयरपोर्ट में अतिरिक्त निवेश करेगा
MRO HUB-भारत को विमानों की मरम्मत और रखरखाव का हब बनाएंगे

अंतरिक्ष – अंतरिक्ष क्षेत्र में इसरो ने भारत को काफी ख्याति दिलाई है।
सरकार अब इस क्षेत्र में निजी क्षेत्र की भागीदारी को बढ़ाना चाहती है। इसके लिए सरकार उपग्रहों, प्रक्षेपण एवं अंतरिक्ष आधारित सेवाओं को लेकर निजी कंपनियों को लेवल प्लेइंग फील्ड उपलब्ध कराएगी। यानि निजी क्षेत्र को क्षमता में सुधार के लिए इसरो की सुविधाओं और परिसंपत्तियों के इस्तेमाल की अनुमति दी जाएगी।

परमाणु ऊर्जा – पीपीपी मॉडल में रिसर्च रिएक्टर बनाएंगे
ये सिर्फ मेडिकल आइसोटोप बनाने के लिए होगा

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