पूर्व सीजेआई रंजन गोगोई को यौन उत्पीड़न के आरोपों से मुक्ति

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नई दिल्ली. ऑनलाइन टीम : पूर्व सीजेआई (CJI) यानी चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया रंजन गोगोई को दो साल बाद यौन उत्पीड़न के आरोपों से मुक्ति मिल गई। सुप्रीम कोर्ट ने गोगोई के खिलाफ यौन उत्पीड़न मामले को आज बंद कर दिया। कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेकर मामले की सुनवाई शुरू की थी। कोर्ट ने आज अपने फैसले में कहा कि केस को दो साल बीत चुके हैं और साजिश की जांच में इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड हासिल करने की संभावना बहुत कम रह गई है।

स्वत: संज्ञान से शुरू की गई जांच प्रक्रिया बंद करते हुए शीर्ष अदालत ने कहा कि न्यायमूर्ति गोगोई के खिलाफ कथित यौन उत्पीड़न मामले की अंदरूनी जांच पहले ही पूरी की जा चुकी है और न्यायमूर्ति एसए बोबड़े (वर्तमान प्रधान न्यायाधीश) की अध्यक्षता वाले तीन सदस्यीय पैनल ने उन्हें दोष मुक्त करार दिया था। पीठ में न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी रामासुब्रमणियन भी शामिल थे।

गौरतलब है कि साल 2019 में एक महिला ने पूर्व सीजेआई रंजन गोगोई के खिलाफ यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था।   आरोप लगाने वाली महिला 2018 में जस्टिस गोगोई के आवास पर बतौर जूनियर कोर्ट असिस्टेंट पदस्थ थी। महिला का दावा किया था कि बाद में उसे नौकरी से हटा दिया गया था। जस्टिस गोगोई पर आरोप लगाने वाली महिला ने अपने हलफनामे की कॉपी 22 जजों को भेजी थी। जस्टिस पटनायक को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई थी। जस्टिस संजय किशन कौल की अगुआई वाली बेंच ने इस मामले में एक साल नौ बाद  बाद गुरुवार को इस मामले की सुनवाई शुरू की और पूर्व जस्टिस एके पटनायक की रिपोर्ट के आधार पर अपना फैसला सुनाया।

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