किसान आंदोलन… नहीं बनी बात, सरकार ने कहा- इससे बेहतर हम और कुछ नहीं कर सकते

January 22, 2021

नई दिल्ली. ऑनलाइन टीम : नए कृषि कानूनों पर बीच का रास्ता फिर नहीं निकल पाया और बैठक बेनतीजा खत्म हो गई। आंदोलन के 58वें दिन ऐसा लगा रहा था कि गतिरोध दूर हो जाएगा, लेकिन अड़ियल रूख नरम नहीं हो सका। आज की बैठक में भी सभी किसानों ने तीनों कानूनों को रद्द करने और एमएसपी पर कानून बनाने की मांग को फिर दोहराया। किसान नेताओं ने कहा कि सरकार द्वारा जो प्रस्ताव दिया गया था, वो हमने स्वीकार नहीं किया। कृषि कानूनों को वापस लेने की बात सरकार ने स्वीकार नहीं की। अगली बैठक के लिए अभी कोई तारीख तय नहीं हुई है। योजना के अनुसार, ट्रैक्टर रैली 26 जनवरी को होगी।

जानकारी के अनुसार, बैठक के दौरान कृषि मंत्री ने कहा कि नए कृषि कानूनों में कोई कमी नहीं है। कानूनों को 18 महीने तक टालने के अलावा इससे बेहतर हम और कुछ नहीं कर सकते हैं। अखिल भारतीय किसान सभा के महासचिव हन्नान मोल्लाह ने कहा कि हमें इससे बहुत ज्यादा उम्मीद नहीं है। सरकार को आंदोलन के मूड को समझना चाहिए और उसके अनुसार काम करना चाहिए।

26 जनवरी को दिल्ली में गणतंत्र दिवस पर घोषित किसानों की रैली के बारे में हन्नान मोल्लाह ने कहा कि हम प्रोग्राम को बदल नहीं सकते। घोषित कार्यक्रम के अनुसार रैली की जाएगी। 26 जनवरी को ट्रैक्टर परेड को लेकर बातचीत चल रही है। ट्रैक्टर परेड तो होगी ही। सरकार रिंग रोड पर आने से मना कर रही है, लेकिन किसान पीछे नहीं हटेगा।

भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार की तरफ से कहा गया कि 1.5 साल की जगह 2 साल तक कृषि कानूनों को स्थगित करके चर्चा की जा सकती है। इसलिए अगली बैठक में इस बारे में पहले से ही सोच कर आना होगा। अगली बैठक केवल तभी हो सकती है, जब किसान यूनियनें सरकार के प्रस्ताव को स्वीकार करने के लिए तैयार हों, कोई अन्य प्रस्ताव सरकार ने नहीं दिया।