जैसा चाहता था, विकास वैसा ही हुआ…’तिवारी’ की मदद से 800 किलोमीटर दूर फरीदाबाद से उज्जैन ‘इसलिए’ पहुंचा

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उज्जैन. ऑनाइन टीम – कानपुर में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के बाद से फरार चल रहा पांच लाख का इनामी विकास दुबे सातवें दिन उज्जैन के महाकाल मंदिर से गिरफ्तार हुआ। पुलिस फरीदाबाद से लेकर एनसीआर में उसे खोजती रही और शातिर बदमाश विकास उज्जैन पहुंच गया। इस बीच बड़े शातिराना अंदाज में उसने अपनी गिरफ़्तारी दी। सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक तिवारी नाम के एक शख्स ने उसकी मदद की। उसी ने ही विकास दुबे को महाकाल मंदिर तक पहुंचाया। जहां पर उसने खुद को पकड़वाया। उसने बड़े शातिर अंदाज में उसने कैमरे के सामने कहा कि वह विकास दुबे है कानपुर वाला। वह यह जानता था कि यही एक तरीका है, जिससे वह एनकाउंटर से बच सकता है। क्योंकि अभी तक उसके पांच गुर्गे मार गिराए गए हैं।

होमगार्ड के जवान ने देखा : महाकाल मंदिर में तैनात होमगार्ड के जवान ने दर्शन करने आए विकास दुबे को देखा था। होमगार्ड के जवाब में जवान ने यह जानकारी प्लाटून कमांडर रूबी यादव को दी। रूबी यादव ने एसपी को जानकारी दी। इसके बाद विकास दुबे को पकड़ा गया। उज्जैन के एक तिवारी नामक शख्स के सम्पर्क में था विकास दुबे। तिवारी के माध्यम ही वो उज्जैन पहुंचा। वहीं गिरफ़्तारी के बाद यूपी पुलिस को इसकी जानकारी दी गई। उसकी गिरफ़्तारी की एक फोटो भी यूपी पुलिस के पास भेजी गई, जिसके बाद पुष्टि हुई की वही विकास दुबे है।

रात में मंदिर के आस-पास ही ली शरण : हालांकि अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी के मुताबिक मध्य प्रदेश के उज्जैन में पुलिस की देर रात से विकास दुबे पर नज़र थी। महाकाल मंदिर के आस-पास उसने शरण ले रखी थी। आज सुबह पुजारी की जानकारी के बाद पुलिस ने वहां से विकास को अपनी हिरासत में लिया। विकास को लखनऊ लाया जा रहा है, उसके लिए पुलिस की पांच टीमें उज्जैन रवाना हो गई है। शाम तक वह लखनऊ पहुंच सकता है।

होमगार्ड ने दी सीनियर को जानकारी : महाकाल मंदिर में तैनात एक होमगार्ड ने उसकी जानकारी अपने पलटन कमांडर को दी। उसके बाद पहुंची पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया। इसके बाद वह खुद ही चिल्ला-चिल्लाकर कहने लगा कि वह कानपुर वाला विकास दुबे है।

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