शोध में खुलासा…यह ‘जादुई’ मशीन कोरोना संक्रमितों के लिए वरदान, वेंटिलेटर से भी ज्यादा कारगर है

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वॉशिंगटन. पोलिसनामा ऑनलाइन – एक अध्ययन में पता चला है कि खून में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ाने वाली मशीन कोरोना मरीजों के इलाज में अहम भूमिका निभा रही है। योकोहामा में डायमंड प्रिंसेस शिप पर फंसे मरीजों के इलाज के लिए इस मशीन का इस्तेमाल किया गया था। ये मशीनें काफी महंगी होती हैं, इसलिए इनका इस्तेमाल हर अस्पताल में नहीं किया जाता और ये वेंटिलेटर्स की जगह भी नहीं ले सकतीं, लेकिन कोरोना के इलाज में फायदा मिलने से यह किसी उम्मीद कि किरण से कम नहीं हैं। नॉर्थ अमेरिका में करीब 220 और यूरोप में 83 कोरोना वायरस मरीजों का इलाज इस मशीन से किया जा रहा है। डिस्चार्ज किए गए 582 में से 58 लोग सही पाए गए।

3 गुना ज्यादा बेहतर नतीजे : इसके इस्तेमाल से वेंटिलेटर की तुलना में 3 गुना ज्यादा बेहतर नतीजे आ सकते हैं। ताजा स्टडी के लिए अमेरिकन सोसायटी फॉर आर्टिफिशल इंटरनल ऑर्गन जर्नल में प्रकाशित स्टडी की टीम ने 9 अस्पतालों के 32 मरीजों पर शोध किया। 24 दिन के बाद 17 मरीज मशीन पर रहे और 5 मरीजों को एक्सट्यूबेट किया गया। इन 5 में से 4 को स्टेरॉइड्स दिए गए, 3 को ऐंटीवायरल मेडिकेशन और एक शख्स को hydroxychloroquine। 1 शख्स को डिस्चार्ज भी किया गया।

32 मरीजों पर अध्ययन : वेस्ट वर्जीनिया यूनिवर्सिटी ने कई अस्पतालों में रीसर्च के बाद यह नतीजा निकाला है। एक्सट्रापोरियल मेम्ब्रेन ऑक्सीजनेशन मशीन से जुड़ी यह स्टडी 32 मरीजों पर की गई। स्टडी में पाया गया कि 24 दिन के बाद 32 में से 17 लोग मशीन पर थे, जबकि 5 को हटाना पड़ा था। यानी 68% लोगों को इससे फायदा हुआ। ये मशीन दिल और फेफड़ों की बीमारी के लिए इस्तेमाल की जाती है और इंसानों के खून में ऑक्सीजन पहुंचाने का काम करती है, जिससे दिल और फेफड़ों को आराम मिलता है।

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