स्वयंसेविका ने महामारी के दौरान जमा किए 300 से अधिक प्लाज्मा डोनर, सह्याद्री अस्पताल ने किया सम्मानित

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पुणे : सीए कोर्स के अंतिम वर्ष की तैयारी की तैयारी करने वाली स्वयंसेविका जागृति अयाचित ने अथक परिश्रम करके 300 से अधिक प्लाज्मा डोनर इकट्ठा किए हैं। मरीजों को प्लाज्मा दान करके जीवन बचाने का बहुमूल्य काम उसने किया है। प्लाज्मा संग्रह के काम पर इतना जोर दिया कि उसने सीए की अंतिम वर्ष की परीक्षा भी नहीं दी। किसी का फोन कॉल न छूटे इसके लिए उसने खुद को इस काम के लिए समर्पित कर दिया।

लॉकडाउन की शुरुआती में चलाए गए रेड ज़ोन स्क्रीनिंग से कोविड केयर सेंटर में भी उसने हिस्सा लिया था। ब्लड बैंक को पर्याप्त प्लाज्मा प्राप्त हो इसके लिए उसने समन्वयक के रूप में काम किया। सिर्फ कुछ ही लोग प्लाज्मा दान करने के लिए आगे आए, इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि लोगों को प्लाज्मा दान करने के लिए तैयार करना या प्लाज्मा दान अभियान का आयोजन करना कितना चुनौतीपूर्ण है। जागृति के अथक प्रयासों से 300 से अधिक लोगों को प्लाज्मा दान करने में मदद मिली।

शुरुआती दिनों में, कई लोग प्लाज्मा दान करने के लिए भ्रमित थे, लेकिन जागृति ने लोगों के वार्ड निहाय वर्गीकरण कर, समन्वयक के माध्यम से लोगों से संपर्क किया। उन सभी को प्लाज्मा दान के महत्व को समझाया गया। इससे कोविड -19 के कई मरीजों के जीवन को बचाने में मदद मिली।

कोरोना की दूसरी लहर में भी शुरू रहेगा काम

जागृति ने कहा कि इस सम्मान ने मुझे और अधिक काम करने के लिए प्रेरित किया। कोरोना महामारी के प्रकोप के दौरान मैंने प्लाज्मा डोनर्स से संपर्क करना शुरू किया। तब मुझे एहसास हुआ कि जरूरतमंद कोविड मरीजों को प्लाज्मा दान करना कितना महत्वपूर्ण था। अब जब कोरोना की दूसरी लहर बड़े पैमाने पर आ गई है, तो मेरा काम पूरा नहीं हुआ है। इसलिए अब पहले से भी अधिका जोश के साथ काम करना जारी रखूंगी।

सह्याद्री अस्पताल द्वारा सम्मान

सह्याद्री अस्पताल ने उन्हें प्लाज्मा दान और संग्रह मुहिम के लिए किए गए अथक परिश्रम के लिए सम्मानित किया। यह सम्मान सह्याद्री अस्पताल के अध्यक्ष और प्रबंधकीय संचालक डॉ. चारुदत्त आप्टे के हाथो प्रदान किया गया। इस अवसर पर सह्याद्री अस्पताल के ब्लड बैंक की प्रमुख डॉ. स्मिता जोशी और वरिष्ठ सलाहकार डॉ. पूर्णिमा राव उपस्थित थीं।

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