अमेरिका ने चीन में रह रहे अपने नागरिकों को किया सावधान, कहा- बिना वजह हिरासत में लिए जा सकते हैं

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वॉशिंगटन. ऑनलाइन टीम – अमेरिका ने चीन में रह रहे अपने नागरिकों को सावधान किया है। उसने कहा है कि स्थितियां ऐसी है कि चीन उन्हें परेशान कर सकता है। बेवजह हिरासत में लिए जाने का खतरा बढ़ गया है। स्टेट डिपार्टमेंट ने शनिवार को यह अलर्ट जारी किया है। स्टेट डिपार्टमेंट के अलर्ट में कहा गया है कि सुरक्षा अधिकारी चीनी सरकार की आलोचना वाले प्राइवेट इलेक्ट्रॉनिक मेसेज भेजने पर अमेरिका के नागरिकों को हिरासत में ले सकते हैं या डिपोर्ट कर सकते हैं।’

बता दें कि कोरोना वायरस को लेकर पैदा हुए तनावपूर्ण हालात, हांग-कांग हॉन्ग-कॉन्ग, शिनजियांग में मुस्लिम आबादी के मानवाधिकार उल्लंघन और साउथ चाइना सी को लेकर और गहरा गए हैं।
हांग-कांग बदल गया : नए नियम के तहत, हांग-कांग में चीन विरोधी झंडा लहराने, पोस्टर दिखाने, नारेबाजी करने या विरोधी रैलियों में शामिल होने पर आजीवन कारावास की सजा हो सकती है। हांग-कांग में 1 जुलाई को सत्ता हस्तांतरण के विरोध में प्रदर्शन कर रहे 160 लोगों को इस कानून के तहत गिरफ्तार किया गया था, जिनका ट्रायल अभी कोर्ट में चल रहा है। नए नियम में तिब्बत, ताइवान और पूर्वी तुर्केस्तान की स्वतंत्रता की वकालत करने वाले झंडे पर भी प्रतिबंध है।

स्कूलों में राजनीतिक गतिविधियों पर बैन : नए कानून के तहत स्कूलों में सभी प्रकार की राजनीतिक गतिविधियों पर प्रतिबंध लगा दिया है। जिसमें क्लास का बहिष्कार करना, ग्लोरी टू हांग-कांग… गाना गाने और स्कूल के बाहर ह्यूमन चेन बनाना शामिल हैं। यहां तक कि स्कूलों में पढ़ाए जाने वाले किताबों की समीक्षा भी चीन ने शुरू कर दी है। इनमें से चीन विरोधी या कम्युनिस्ट विचारधारा का विरोध करने वाले सभी पाठ्यक्रमों को हटा दिया जाएगा।

सोशल मीडिया अकाउंट्स पर सेंसर : कानून के पारित होने के पहले और बाद में चीन ने हांगकांग के कई नागरिकों ने ट्विटर और फेसबुक अकाउंट्स को सेंसर किया है। चीन विरोधी पोस्ट करने पर न केवल यूजर के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा रही है, बल्कि उसे कई तरह से टार्चर भी किया जा रहा है। इसमें फेसबुक, ट्विटर और व्हाट्सऐप शामिल हैं।

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