धरती पर 2 किलो ‘चांद’ लाया चीन…सतह के नमूनों को एकत्र करने में रहा सफल
बीजिंग . ऑनलाइन टीम : चांद की पहेली को दूर करने के प्रयास लगातार जारी हैं। कई देशों के प्रयास रंग ला रहे हैं। अब 40 से अधिक वर्ष बाद फिर से नमूने पृथ्वी पर लाए गए हैं। चीन का चंद्रयान ‘चांग ई-5’ चांद की सतह से नमूने लेने के बाद सफलतापूर्वक पृथ्वी पर लौट आया है। अमेरिका के अपोलो और सोवियत संघ के लूना चंद्र अभियानों के बाद पहली बार कोई देश चांद की सतह से नमूने लेकर आया है। इन नमूनों से पृथ्वी के इस उपग्रह की सतह और उसके अतीत के बारे में नई जानकारियां मिल सकेंगी। इन नमूनों की मदद से वैज्ञानिकों को सटीक रूप से ‘क्रोनोमीटर’ तैयार करने में भी मदद मिलेगी, जिससे सौर मंडल के ग्रहों के सतहों की उम्र को माना जाता है।
चीन राष्ट्रीय अंतरिक्ष प्रशासन (सीएनएसए) के अनुसार ‘चांग ई-5’ मंगोलिया स्वायत्त क्षेत्र के सिजिवांग बैनर में स्थानीय समयानुसार देर रात एक बजकर 59 मिनट (बुधवार को) उतरा। ‘चांग ई-5’ के चार में से दो मॉड्यूल एक दिसम्बर को चंद्रमा की सतह पर पहुंचे थे और उन्होंने चांद की सतह से खुदाई करके करीब दो किलोग्राम नमूने एकत्र किए। इन नमूनों को सील बंद कंटेनर में रखा गया और उसे वापस आने वाले मॉड्यूल में स्थानांतरित किया गया। ‘चांग ई-5’ चांद की सतह पर पहुंचने वाला चीन का तीसरा यान है। यह चीन के महत्वाकांक्षी अंतरिक्ष कार्यक्रम की कड़ी का हालिया अभियान है। 2013 में चांग ई-3 और 2019 में चांग ई-4 मून मिशन के बाद चांग ई-5 मिशन, यह मिशन अन्य दो से जरा जटिल था। ‘चांग ई 4 चंद्रमा के सुदूरवर्ती क्षेत्र में पहुंचने वाला पहला यान था। इससे पहले पूर्व सोवियत संघ द्वारा भेजे गये रोबोट वाले लूना 24 अंतरिक्ष यान के जरिये वैज्ञानिकों को चांद से लाये गये नमूने प्राप्त हुए थे।
अमेरिकी अपोलो अंतरिक्षयान से चांद पर गए अंतरिक्ष यात्रियों और सोवियत रूस के रोबोटिक लूना मिशन ने चांद की सतह से क़रीब 400 किलो तक मिट्टी और पत्थर जमा किए थे। चांद से लाए ये सभी नमूने क़रीब तीन अरब साल पुराने हैं।