मजदूरों के सब्र का बांध टूटा; सैकड़ों की तादात में उतरे सड़कों पर

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पिंपरी। पोलिसनामा ऑनलाइन – आईटी पार्क हिंजवड़ी में मंगलवार को तब खलबली मच गई जब यहां माण परिसर में शुरू एक कंस्ट्रक्शन साइट में काम करने वाले 500 से भी ज्यादा मजदूर सड़कों पर उतर आए। कोरोना की रोकथाम के लिए जारी लॉक डाउन की मियाद बढ़ने की आशंका से उनके सब्र का बांध टूट गया। उन्होंने मांग की है कि उन्हें उनके गांव घर जाने दिया जाय या फिर उन्हें हर सप्ताह खर्ची दी जाय जिससे उनका गुजर बसर हो सके। लॉक डाउन के दौरान इतनी तादात में मजदूरों के सड़कों पर उतर आने से पुलिस और प्रशासन में हड़बड़ी मच गई है। हालांकि हिंजवड़ी पुलिस ने मौके पर पहुंच कर उन्हें पुनः कंस्ट्रक्शन साइट पर ले जाकर उनका पक्ष जाना और उन्हें यथोचित मदद का भरोसा दिलाया, जिसके बाद मजदूर शांत हो सके।
मुलशी तालुका के माण में शापुरजी पालमजी के नियोजित जॉयव्हीला कंस्ट्रक्शन साइट में एक हजार से भी ज्यादा मजदूर काम करते हैं। ये उत्तर प्रदेश, बिहार व अन्य राज्यों से हैं और लॉक डाउन के चलते यहां फंसे पड़े हैं। यहां उनके रहने और भोजनादि का प्रबंध कंपनी प्रबंधन ने किया है। हालांकि ठेकेदार से उन्हें वेतन या खर्ची का कोई भुगतान नहीं किया जा रहा है। इससे उन्हें अपना गुजर बसर करने में दिक्कतें आ रही हैं। उसी में लॉक डाउन की मियाद बढ़ने की चर्चा शुरू हो गई है, इसके चलते मजदूरों के सब्र का बांध टूट गया और वे सुबह साढ़े आठ बजे के करीब सड़कों पर उतर आये। माण -हिंजवडी मुख्य सड़क से वे हिंजवडी की दिशा में नारेबाजी करते हुए निकल पड़े। साथ ही रास्ते मे दूसरे कंस्ट्रक्शन साइट के मजदूरों से भी उनके साथ शामिल होने की अपील करते रहे। हालांकि पिंपरी चिंचवड़ की हिंजवड़ी पुलिस ने मौके पर पहुंच कर उन्हें उनके लेबर कैम्प में पहुंचाया और उन्हें समझा बुझाकर शांत किया।
हिंजवडी थाने के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक यशवंत गवारी, पुलिस निरीक्षक (क्राइम) अजय जोगदंड के नेतृत्व में पुलिस की बड़ी फौज आक्रोशित मजदूरों को शांत करने में जुटी रही। मजदूरों का कहना था कि उन्हें उनके गांव घर जाने की इजाजत दी जाय। इसके लिए सरकार को चाहिए कि वह रेलवे शुरू करें। ठेकेदार से खर्ची मिले और उसे वेतन से न काटा जाय, उधार में लिए राशन का भुगतान प्रबंधन द्वारा किया जाय। पुलिस ने साइट के प्रबंधकों को वहां बुलवाया और उन्हें मजदूरों का पूरा ख्याल रखने की हिदायत दी। माण गांव के सरपंच राजेंद्र भोसले, सुनील भरणे और अन्य ग्रामीण भी पुलिस की मदद में जुटे रहे। पुलिस निरीक्षक यशवंत गवारी ने मजदूरों को समझाया कि लॉक डाउन खत्म करना या रेलवे शुरू कराना पुलिस के बस में नहीं है। सरकार इस बारे में गंभीरता से विचार कर रही है और जल्द ही कोई ठोस फैसला हो सकेगा। तब तक आप भूखे नहीं रहेंगे, इसका ध्यान रखा जाएगा। इसलिए संयम बनाए रखें, नियमों का उल्लंघन न करें, इस तरह से भीड़ जुटाने पर कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है।
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