डॉक्टरों की भर्ती प्रक्रिया रद्द कर जनरल बॉडी में मनपा आयुक्त को झटका

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पुणे : पुलिसनामा ऑनलाईन – साधारण सभा की मंजूरी न होने के बावजूद मनपा के पास सुविधाओं के अभाव में इलाज के लिए की गई डॉक्टरों की भर्ती प्रक्रिया रद्द करने का प्रस्ताव बुधवार को साधारण सभा में मंजूर किया गया। निर्धारित अवधि में साधारण सभा में प्रस्ताव मंजूर न होने के कारण मनपा आयुक्त सौरभ राव ने अपने अधिकार का प्रयोग करते हुए राज्य सरकार से इसे मंजूर करा लिया था। कहा जा रहा है कि इसी वजह से साधारण सभा में भर्ती प्रक्रिया रद्द कर एक तरह से उन्हें झटका दिया गया।

जनवरी में डॉक्टरों की नियुक्ति के प्रस्ताव पर चर्चा हुई
मनपा की स्थायी समिति में वर्ष 2017 में स्किन स्पेशलिस्ट, एड्स नोडल ऑफिसर, मेडिकल एडमिनिस्ट्रेटिव, कार्डियोलॉजिस्ट, फोरेंसोलॉजिस्ट, आई स्पेशलिस्ट व ब्लड ट्रांजिट ऑफिसर के रूप में 7 पद भरने की मंजूरी देते हुए प्रस्ताव साधारण सभा में भेजा गया था। अप्रैल 2018 में साधारण सभा ने इस प्रस्ताव को जनवरी 2019 की जी।बी। में पेश करने की उप-सूचना देते हुए इसे आगे बढ़ाया।

मंगळवार को आयोजित जी।बी। में जनवरी में स्थगित कामकाज के दौरान डॉक्टरों की नियुक्ति के प्रस्ताव पर चर्चा हुई, जिसमें सभागृह नेता श्रीनाथ भिमाले ने कहा कि साधारण सभा की मंजूरी के बिना डॉक्टरों की भर्ती की गई। मनपा के पास न तो ब्लड बैंक है और न ही पोस्टमार्टम की सुविधा है। इसके बावजूद संबंधित पदों पर भर्ती करने की क्या जरूरत है? उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ डॉक्टरों के स्वयं के अपडेटेड हॉस्पिटल्स हैं और उन्हें नियुक्त किया गया है।
पोस्टमार्टम व ब्लड बैंक शुरू की जाएगी

इस पर स्वास्थ्य विभाग प्रमुख डॉ। रामचंद्र हंकारे ने कहा कि पोस्टमार्टम व ब्लड बैंक शुरू की जाएगी, लेकिन उनकी बात से सदस्य संतुष्ट नहीं हुए। इस दौरान कांग्रेस गुटनेता अरविंद शिंदे भी प्रशासन पर बरसे। इस बीच, सौरभ राव ने कहा, मैंने अपने स्तर पर सरकार के पास प्रस्ताव भेजा था, जिसे सरकार ने मंजूर किया है। मनपा आयुक्त के कहने पर भी सदस्य संतुष्ट नहीं हुए और उन्होंने भर्ती प्रक्रिया रद्द कर नये सिरे से भर्ती करने की उप-सूचना देते हुए नया प्रस्ताव मंजूर किया।

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