पुणे।पोलिसनामा ऑनलाइन – कोरोना के साथ जारी लड़ाई में पुणे की दो महिला आर्किटेक्ट इंजीनियर सहेलियों ने पूरे शहर में लोगों को हर तरह की मदद पहुंचा रही हैं। उनके नाम सोनल रसल और गौरी फालके हैं। दोनों पेशे से ऑर्किटेक्ट इंजीनियर हैं और पिछले 28 वर्षों से दोस्त भी हैं। उन दोनों की पहल फ्रेंड@सीनियर सिटिजन्स के तहत पुणे में करीब 300 वॉलेंटियर्स बुजुर्ग, गर्भवती महिलाओं, बीमार और दूसरे जरूरतमंद लोगों की मदद कर रहे हैं।
मीडिया खबरों के अनुसार कोरोना के मामले बढऩे के बाद से अधिकतर बुजुर्ग, बीमारी घर में ही आइसोलेट हो गए। कुछ बुजुर्ग तो ऐसे भी हैं जो घर आकार काम करने वालों पर ही निर्भर हैं। अब काम करने वाले भी नहीं आ रहे हैं। टिफिन वाला डिब्बा नहीं पहुंचा रहे हैं। सोनल की जानने वाली एक बुजुर्ग महिला भी इस कारण परेशान थी कि उनकी दवाई और खाने की व्यवस्था कैसे होगी। फिर उन्होंने इन लोगों को मदद करने की इच्छा व्यक्त की।
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वह पुणे की स्वच्छता कमेटियों से जुड़ी हूं। हर संडे सफाई अभियान पर निकलती हूं। फिर उन दोनों ने मिलकर वॉट्सऐप गु्रप बनाया और लोगों से पूछना शुरू किया कौन है जो जरूरतमंदों की मुफ्त में मदद करेगा। हालांकि उन्हें उम्मीद न थी कि पहले दिन ही करीब 100 लोग आगे आए। फिर उन्होंने अपने नंबर वायरल कर दिये। पहले दिन से ही जरूरतमंद फोन करने लगे और ये लोग उनकी जरूरत का सामान पहुंचा रहे हैं। अब तो कुछ लोग ऐसे लोगों के लिए खाने का पैकेट तैयार कर उनकी टीम को देते हैं।
गौरी फालके ने मीडिया से की गई बातचीत में बताया कि अब तक उनके इस अभियान में 300 से अधिक लोग जुड़ गए हैं। 200 से अधिक लोग रोजाना मदद के लिए तैयार रहते हैं। पूरे शहर को 15 जोन में बांट दिया गया है। जो वालेंटियर जिस जोन के हैं उनको आसपास के लोगों को मदद के लिए भेजा जाता है। अभी तक हजारों लोगों को पहुंचाई जा चुकी है।
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