उच्च न्यायालय ने पुलिस को सुनाई खरी खोटी; वकील की गिरफ्तारी पर नहीं मिला संतोषजनक उत्तर

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मुंबई: अपहरण का मामला दर्ज किए गए वकील के गिरफ्तारी को लेकर पूछे गए सवाल का संतोषजनक उत्तर न मिलने पर उच्च न्यायालय ने पुलिस को खरी खोटी सुनाई है।

न्या. शाहरुख काथावाला व न्या. एस पी तावडे की खंडपीठ के सामने इस संदर्भ में दओ याचिका दायर की गई है। गिरफ्तार वकील विमल झा और लॉयर्स फॉर जस्ट सोसायटी द्वारा दर्ज की गई याचिका पर खंडपीठ के सामने सुनवाई हुई। झा को पिछले महीने गैरकानूनी तरीके से गिरफ्तार किया गया था। सीआरपीसी व सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का पुलिस ने उल्लंघन किया, ऐसा याचिका में स्पष्ट किया गया है।

याचिका के अनुसार झा को 3 अप्रैल को गिरफ्तार किया गया था। हालांकि उन्हे 5 अप्रैल को दंडाधिकारी अदालत में हाजिर किया गया था। दंडाधिकारी न्यायालय के आदेश के बिना अदालत में आरोपी को हथकड़ी नहीं पहना सकते, ऐसा स्पष्ट आदेश सर्वोच्च न्यायालय ने दिया है। इसके बावजूद पुलिस ने उसका उल्लंघन करते हुए झा को अदालत में हथकड़ी पहनाया था।

मुख्य सरकारी वकील दीपक ठाकरे ने यह आरोप खारिज किया। उन्होने कहा कि झा को 4 अप्रैल को गिरफ्तार कर 5 अप्रैल को कोर्ट में पेश किया गया था। उन्होने 3 अप्रैल को पुलिस थाने में बुलाया था। 5 अप्रैल को सुबह 4 बजे मामला दर्ज कर गिरफ्तार किया गया।

उस पर कोर्ट ने संबंधित पुलिस थाने के सीसीटीवी फुटेज पुलिस से मांगे। हालंकि उस समय पुलिस थाने में सईसीटीवी नहीं था, 1 मई को सीसीटीवी लगाया। साथ ही झा के फरार होने की तैयारी की सूचना सहआरोपी ने पुलिस को दी। इसलिए  उन्हे अदालत में लाने के दऔरान हथकड़ी पहनाया था, ऐसा ठाकरे ने कहा। ठाकरे के इस तर्क पर कोर्ट ने आपत्ति जताई। सर्वोच्च न्यायालय के आदेशानुसार पुलिस थाने में सीसीटीवी होना अनिवार्य है, इसकी याद दिलायी।

कितने पुलिस थाने में सीसीटीवी लगाया है? एक वकील जेल में है। इसलिए यह मामला गंभीरता से ले। उन्हे पुलिस थाने में बुलाने के लिए कौन गया था? हमारे सामने झूठा बयान क्यो दे रहे हैं? ऐसा सवाल उच्च न्यायालय ने पुलिस से किया।

झा बहुत बड़े अपराधी हैं क्या, इसलिए इन्हे अदालत में हथकड़ी पहना कर लाए, ऐसा कहते हुए कोर्ट ने अब तक किए गए जांच के संबंध में पुलिस को प्रतिज्ञापत्र प्रस्तुत करने का आदेश दिया।

अगली सुनवाई 19 मई को

ठाकरे (सरकारी वकील) आप अपना कर्तव्य कोर्ट के बाहर ही निभाएं। प्रतिज्ञापत्र प्रस्तुत करते समय अधिकारियों को को सतर्क रहने के लिए कहें। अगर पुलिस ऐसे ही करती रही तो सीबीआई या अन्य जांच एजेंसी को यह मामला सौंपना पड़ जाएगा। ऐसा कोर्ट ने कहा। याचिका के अनुसार झा को खारघर पुलिस ने गिरफ्तार किया। उनके ऊपर फिरौती मांगने और अपहरण की शिकायत पुलिस के पास आई थी। इसके अनुसार उन्हे गिरफ्तार किया गया। इस याचिका पर 19 मई को सुनवाई होगी।

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