तीसरी शादी की जिद में अपराधी बना मशहूर फूड चेन ‘सर्वणा भवन’ का मालिक

लालच और वासना के चक्कर में हैवान बना, अब कोर्ट से कर रहा है रहम की अपील

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आज से 18 साल पहले राजगोपाल ने अपने ज्योतिषी के कहने पर तीसरी शादी करने की ठान ली थी.

वैसे भी उसका दिल अपने कर्मचारी की बेटी पर आया हुआ था. ऐसे में वह उसे अपनी तीसरी पत्नी के रूप में देखने लगा. हालांकि कर्मचारी की बेटी शादीशुदा थी और उसके झासे में नहीं आई; और ना हीं उसका पति इसके लिए राजी हुआ. नतीजत लालच व वासना के चक्कर में राजगोपाल ने हर हद पर कर दी और अपराध का रास्ता चुना. फिर जो भी उसका हश्र हुआ जानिए इस पूरी कहानी के जरिए…

पुलिसनामा ऑनलाईन – दक्षिण भारतीय खाने के लिए मशहूर फूड चेन सर्वणा भवन के मालिक पी राजागोपाल ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में एक अर्जी डालकर रहम मांगी है. उन्होंने अपने स्वास्‍थ्‍य का हवाला दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने राजागोपाल को सात जुलाई से पहले आत्मसमर्पण करने का आदेश दिया था. उल्लेखनीय है कि 18 साल पहले अक्तूबर 2001 में प्रिंस संतकुमार नाम के युवक के अपहरण और हत्या के मामले में अदालत ने राजागोपाल को दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी.

राजागोपाल का कर्मचारी के बेटी पर आया था दिल

देश ही नहीं विदेशों में भी अपने खास किस्म के डोसा के लिए मशहूर सर्वणा भवन के मालिक राजागोपाल का आज से 18 साल पहले अपनी ही एक कर्मचारी की बेटी दिल आ गया था. राजागोपाल ने उसके सामने शादी का प्रस्ताव रखा. चूंकि युवती पहले से शादीशुदा थी, इसलिए उसने राजागोपाल के प्रस्ताव को ठुकरा दिया. खुद राजागोपाल पहले ही दो शादियां कर चुका था.

युवती के शादी के प्रस्ताव ठुकराने के बाद ये नामी-गिरामी बिजनेसमैन शादी के लिए न सिर्फ अड़ा रहा. बल्कि उसने युवती के पति संतकुमार पर येन-केन-प्रकारेण सभी दांव आजमाकर युवती से रिश्ता तोड़ने को कहा. इसी बीच वह युवती को महंगे उपहार, ऊंची कीमतों वाले जेवरात भी भिजवाता रहा. लेकिन जब संतकुमार ने अपनी पत्नी से रिश्ता तोड़ने से मना कर दिया तब 28 सितंबर 2001 की रात राजागोपाल ने संतकुमार का अपहरण करवा दिया.

इससे पूरे इलाके में हड़कंप मच गया, लेकिन किसी ने भी राजागोपाल के खिलाफ जाने की हिम्मत नहीं जुटाई. अचानक 12 अक्टूबर को संतकुमार पुलिस कमिश्नर के दफ्तर में दिखा. यहां उसने अपने अपहरण और अपने साथ की गई ज्यादती के बारे में बताया.

युवती को अपना बनाने के लिए कराई पति की हत्या

संतकुमार के लौट आने पर युवती और उनके परिवार को राहत मिली. मामला पुलिस में पहुंचने के बाद उन्हें राजागोपाल से पीछा छूट जाने की उम्मीद जगी. लेकिन पुलिस ने भी मामले को उतनी गंभीरता से नहीं लिया. संतकुमार के लौटने के महज छह दिन बाद ही उनका एक सार्वजनिक जगह से अपहरण हो गया.

इसके बाद लगातार युवती पर राजागोपाल से शादी करने का दबाव बनाया गया. लेकिन जब युवती ने मना कर दिया तो उसके पति का शव काडाइकोनाल के टाइगर चोला के जंगलों में मिला.

युवती ने खटखटाया कोर्ट का दरवाजा

अपनी पति की हत्या से आहत युवती ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. मामले में राजागोपाल को आरोपी बनाकर मामला चलाया गया. 23 नवंबर को ही राजागोपाल ने आत्मसमर्पण कर दिया. लेकिन युवती की ओर से केस मजबूती से ना लड़े जाने और राजागोपाल के अमीर होने के चलते केस उसकी ओर पलट गया और 15 जुलाई 2003 को उसे जमानत मिल गई.

इसके बाद युवती और उसके परिवार वालों ने लड़ाई तेज कर दी. साल 2004 में चेन्नई की एक विशेष अदालत ने राजागोपाल और हत्या में संलिप्त पांच अन्य लोगों को दोषी ठहराते हुए 10-10 साल की कैद की सजा सुनाई. लेकिन युवती से नाखुश थी. मामला मद्रास हाईकोर्ट पहुंचा. यहां करीब पांच साल बाद 2009 में हाईकोर्ट ने दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाते हुए इसे इरादत हत्या और हत्या की साजिश का मामला बताया. साथ ही 55 लाख रुपये जुर्माना भी लगाया. इसमें से 50 लाख रुपये की राशि संतकुमार की पत्नी को देना तय हुआ था.

सर्वणा भवन का मालिक पहुंचा था सुप्रीम कोर्ट

मद्रास हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सवर्णा भवन का मालिक सुप्रीम कोर्ट पहुंचा. यहां मार्च 2019 में उच्चतम अदालत ने हाईकोर्ट की सजा को बरकरार रखते हुए उसे सात जुलाई तक आत्मसमर्पण करने का आदेश दिया था. लेकिन अपनी उम्र और स्वास्थ्य समस्याओं का हवाला देते हुए वह सजा में रहमदिली दिखाने की अपील कर रहा है.

ज्योतिष की रही बड़ी भूमिका

राजागोपाल ज्योतिषी पर बहुत भरोसा करता था. साल 1981 तक वह महज एक किराने की दुकान चलाने वाला बेहद साधारण व्यापरी हुआ करता था. लेकिन तभी उसकी एक ज्योतिषी से मुलाकात हुई. ज्योतिषी उसका भविष्य रेस्टोरेंट के क्षेत्र में बताया. इसके बाद ही उसने केके नगर में अपने पहला रेस्टोरेंट खोला.

ज्योतिषी के कथनानुसार इसमें उसने आला दर्जे के सामान का प्रयोग किया. इससे राजागोपाल को करारा घाटा लगा. लेकिन देखते-देखते ही यह घाटा मुनाफे में बदलने लगा. करीब दो साल में वह एक अच्छा रेस्टोरेंट चलाने लगा. बाद में ज्योतिषी ने उसे कई अन्य उपाय सुझाए. उसे उन सभी उपायों से फायदा हुआ. बाद में वह विश्व का सबसे प्रसिद्ध डोसा व्यापारी बन गया. हम सब इसे डोसा किंग के नाम से जानने लगे.

तीसरी शादी के लिए भी ली थी ज्योतिषी की सहायता

कोर्ट में हुई जीरह के दौरान राजागोपाल ने यह स्वीकारा था कि उसने तीसरी शादी को लेकर ज्योतिषी से पूछा था. उसने भी तीसरी शादी से उज्जवल भविष्य की बात कही थी. लेकिन इस बार ज्योतिषी फेल हो गया और इस मशहूर व्यापारी का जीवन तबाह हो गया है. फिलहाल इसकी फूड चेन सर्वणा भवन सभी बड़े शहरों में चल रही है. लेकिन मालिक को आगामी जीवन सलाखों के पीछे बितानी पड़ेगी.

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