मैं महाराष्ट्र का राज्यपाल हूं, इस तरह की कार्रवाई संविधान के खिलाफ; राज्यपाल कोश्यारी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया

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मुंबई, 18 नवंबर – महाराष्ट्र के राज्यपाल और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री भगतसिंह कोश्यारी के खिलाफ उत्तराखंड हाई कोर्ट दवारा भेजे गए नोटिस के खिलाफ उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के दरवाजा खटखटाया है। मुख्यमंत्री रहते हुए इस्तेमाल किये गए सरकारी आवास के बाजारभाव मूल्य के अनुसार किराया वसूल करने के संबंध में कोर्ट की अवमानना को लेकर उन्हें हाई कोर्ट ने नोटिस भेजा है।

कोश्यारी जब उत्तराखंड के मुख्यमंत्री थे तो उन्होंने सरकारी निवास का इस्तेमाल किया था। लेकिन इसका किराया उन्होंने सरकारी खजाने में जमा नहीं कराया था। इस तरह का आरोप लगाने वाली जनहित याचिका हाई कोर्ट में सामाजिक संस्था दवारा दायर की गई था। इस याचिका का संज्ञान लेते हुए कोर्ट ने उन्हें 6 महीने में बकाया किराया और पानी का बिल व अन्य सुविधाओं का किराया जमा कराने का आदेश दिया था।

लेकिन इस आदेश का कोश्यारी दवारा पालन नहीं किया गया। इसलिए उनके खिलाफ कोर्ट की अवमानना की कार्रवाई क्यों नहीं की जाए ? इस तरह का नोटिस उत्तराखंड हाई कोर्ट ने पिछले महीने भेजा था। इस नोटिस को कोश्यारी ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। उन्होंने अपनी सफाई में कहा है कि मैं महाराष्ट्र का राज्यपाल हूं। इस तरह की कार्रवाई का नोटिस संविधान के अनुच्छेद 361 के अनुसार राज्यपाल और राष्ट्रपति के खिलाफ नहीं किया जा सकता है। कोश्यारी ने कहा है कि संबंधित बकाया मनमाने तरीके से वसूला गया है और मेरा पक्ष नहीं सुना गया। उन्होंने एड. अमन सिन्हा के जरिये याचिका दायर की है। नोटिस पर स्टे लगाने की मांग की गई है। आरोप है है कि कोश्यारी पर 47 लाख रुपए का बकाया है।

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