पाकिस्तान का पानी रोकने का रास्ता साफ, 6 साल में पूरा होगा 9167 करोड़ का प्रोजेक्ट

0

जम्मू : समाचार ऑनलाइन – उझ परियोजना की संशोधित डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट को केंद्रीय सलाहकार समिति ने मंजूरी दे दी है। इसे जम्मू -कश्मीर का ड्रीम प्रोजेक्ट कहा जा रहा है। इससे अब पाकिस्तान को पानी रोकने का रास्ता अब साफ हो गया है। इस प्रोजेक्ट को पूरा करने में करीब 9167 करोड़ रुपये का खर्चा आएगा, जबकि करीब 6 साल में इस प्रोजेक्ट को पूरा किया जाएगा। नए और संशोधित DPR को मंजूरी जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण विभाग की एडवाइजरी कमेटी की बैठक में दी गई।

भारत को फायदा : इस प्रोजेक्ट के पूरा होने के बाद सिंधु जल संधि के तहत भारत को मिलने वाले पानी का बेहतर इस्तेमाल किया जा सकेगा। फिलहाल ये सारा पानी पाकिस्तान की तरफ जाता है। उझ नदी रावी नदी की एक प्रमुख सहायक नदी है। ये परियोजना उझ नदी के 781 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी का भंडारण करेगी। परियोजना के निर्माण के बाद, सिंधु जल संधि के अनुसार भारत को आवंटित पूर्वी नदियों के पानी का उपयोग उस प्रवाह के माध्यम से बढ़ाया जाएगा जो अभी बिना उपयोग के ही सीमा पार जाता है।

यह है सिंधु समझौता : सिंधु जल संधि दो देशों के बीच पानी के बंटवारे की वह व्यवस्था है जिस पर 19 सितम्बर, 1960 को तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और पाकिस्तान के राष्ट्रपति अयूब खान ने कराची में हस्ताक्षर किए थे। इसमें छह नदियों ब्यास, रावी, सतलुज, सिंधु, चिनाब और झेलम के पानी के वितरण और इस्तेमाल करने के अधिकार शामिल हैं। इस समझौते के लिए विश्व बैंक ने मध्यस्थता की थी। सिंधु जल संधि के अनुसार भारत पूर्वी नदियों के 80% जल का इस्तेमाल कर सकता है, हालांकि अब तक भारत ऐसा नहीं कर रहा था। भारत के इस कदम के बाद पाकिस्तान के सामने बड़ी चुनौतियां पैदा होने की संभावना है।

गडकरी ने दिए थे संकेत : साल 2008 में इस प्रोजेक्ट का ऐलान किया गया था। 2013 में केंद्रीय जल आयोग के इंडस बेसिन संगठन ने इस प्रोजेक्ट की DPR तैयार की। बाद में 131 वीं बैठक में प्रोजेक्ट की डीपीआर को संशोधित किया गया। कहा जा रहा है कि प्रधानमंत्री कार्यालय ने इस प्रोजेक्ट में खासी दिलचस्पी दिखाई। बता दें कि पिछले साल पुलवामा हमले के बाद केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने पाकिस्तान का पानी रोके जाने के संकेत दिए थे। उन्होंने कहा था कि कि शाहपुल कांडी में रावी नदी पर बांध का निर्माण शुरू हो गया है।

You might also like
Leave a comment