रिश्वत लेने के मामले में महिला जज की गिरफ्तारी पूर्व जमानत अर्जी खारिज
पुणे : कोर्ट में शुरू फौजदारी केस के पक्ष में फैसला सुनाने और केस रद्द करने के लिए रिश्वत मांगने के आरोप में महिला जज की गिरफ्तारी पूर्व जमानत अर्जी खारिज कर दी गई। यह आदेश सत्र न्यायाधीश एस.आर. नावंदर ने दिया है।
मावल कोर्ट के प्रथम वर्ग दंडाधिकारी अर्चना जतकर की गिरफ्तारी पूर्व अर्जी खारिज की गई। इस प्रकरण में एक महिला शुभावरी भालचंद्र गायकवाड (उम्र 29, नि. तलेगांव) को गिरफ्तार किया गया। उसे जमानत भी मिल गई। इस महिला को केस रद्द करने के लिए जज को मैनेज करने और उसके पक्ष में फैसला सुनाने क नाम पर ढाई लाख रूपए मांगने और 50 हज़ार रूपए स्वीकार करते हुए रिश्वत प्रतिबंधक विभाग ने गिरफ्तार किया था। पुलिस जांच में यह सामने आया कि इसमे जज भी शामिल थी।
13 जनवरी को किवले, त. हवेली में यह घटना हुई। वडगांव मावल तालुके के इंदुरी के 32 वर्षीय व्यक्ती ने इस मामले में शिकायत दर्ज कराई। शिकायतकर्ता कडजई माता दूध संकलन मंडल का अध्यक्ष है। दूध इकट्ठा कर अमोल डेयरी को दिया जाता है। शिकायतकर्ता और उसके भाई के विरोध में अमोल डेयरी ने केस किया। तुम्हें और तुम्हारे भाई की गिरफ्तारी होगी। इस केस को रद्द करने के लिए जज को मैनेज करने के नाम पर सुभावरी द्वारा रिश्वत मांगने की बात शिकायतकर्ता ने कही।
गिरफ्तार महिला और जज के बीच 147 बार फोन पर बात
जांच में जो सामने आया है उससे इस अपराध में जज के शामिल होने की बात सामने आ रही है। इस प्रकरण में गिरफ्तार हुई महिला और जतकर के बीच 147 बार फोन पर बात हुई है। इस मामले में 7 से 8 अन्य लोगो से भी महिला ने संपर्क किया। उन सबके मामले जतकर के कोर्ट में हैं। इसमे से कुछ लोगो से पूछताछ करने के लिए एसीबी ने संपर्क किया है। सहायक जिला सरकारी वकील प्रेम कुमार अगरवाल ने कहा कि अधिक जांच के लिए जज को गिरफ्तार करना अत्यंत आवश्यक है।