दूसरी जाति में शादी करने वाली महिला को पंचायत ने दी सजा, समाज के 5 लोग के थूक को चाटो  

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ऑनलाइन टीम. जलगांव : महाराष्ट्र के जलगांव के चोपड़ा तालुका में जो कुछ भी हुआ, वह सभ्य कहे जाने वाले समाज के मुंह पर करारा तमाचा है। आज जाति-धर्म से इतर लोग विकासशील समाज की परिकल्पना कर रहे हैं। मेहनत के बल पर नए समाज की लकीर भी खींच रहे हैं, लेकिन रूढ़िवादी परंपराएं उससे बड़ी लकीर खींचती जा रही हैं। इस तहसील के चार्हर्ड़ी गांव में रहने वाली एक महिला की शादी अकोला जिले के वजगाव में रहने वाले साईनाथ नागो बाबर से साल 2011 में हुई थी। महिला के हाथों की मेहंदी अभी सुर्ख होने भी नहीं पाई थी कि मारपीट से बदन लहूलुहान होने लगा। साईनाथ अक्सर शराब के नशे में उससे मारपीट करता।

हैवानियत जब हद से गुजरने लगी तो महिला ने कोर्ट के जरिए साईनाथ से अलग होने का फैसला किया और दूसरी शादी कर ली। उसे लगा था कि उसकी जिंदगी के हसीन पल अब सामने आएंगे, लेकिन होनी को कुछ और ही मंजूर था। महिला के कोर्ट जाने पर नाथजोगी संप्रदाय के लोगों की पंचायत बैठी, जिसमें महिला और उसके सभी रिश्तेदारों को समाज से बाहर होने का फैसला सुनाया गया। यही नहीं, इसके साथ ही महिला पर 1 लाख रुपये का जुर्माना, पंचायत के 5 लोगों के थूक को चाटना, और सिर पर चप्पल रखकर पूरे गांव में घूमने की सजा का ऐलान भी किया गया।

महिला ने इसके खिलाफ पुलिस से गुहार लगाई, तो आसमान फट पड़ा। उस पर दबाव बनाने के साथ  रिश्तेदारों को धमकी दी जाने लगी।  पंचायत ने तो यहां तक कह दिया है कि इस महिला के रिश्तेदारों के बेटे-बेटी की शादियां भी नहीं होने देंगे।  पुलिस मामले की जांच कर रही है, लेकिन लगभग ढाई साल से महिला और उसका परिवार (वर्तमान) समाज से बहिष्कृत है। न तो उन्हें किसी सामाजिक कार्य में भाग लेने दिया जा रहा है और न ही किसी से सामाजिक संबंध स्थापित करने दिया जा रहा है।  दरअसल, इस संप्रदाय के पुरुषों को 2-3 शादियां करने की छूट है। लेकिन महिला एक से दूसरी शादी कर ले तो उसके लिए ऐसी सजा का एलान किया जाता है। महिला उसकी ही सजा भोग रही है। पुलिस मामले की जांच कर रही है और समाज को नया संदेश देने की कोशिश कर रही हैं।

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