घंटाबाज हिन्दुत्वादियों, मुंगेर की मुंगेर की घटना पर आपकी जुबान क्यों बंद है ? शिवसेना का भाजपा पर हमला

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मुंबई, 30 अक्टूबर – महाराष्ट्र में मंदिर खोलने को लेकर घंटानाद किया जा रहा है। मंदिरों के ताले तोड़ने की धमकी दी जा रही है। इन लोगों को मुंगेर की हिंसा, हिंदुत्व की अवमानना से कोई लेना-देना नज़र नहीं आ रहा है। ये सुविधा के अनुसार हिंदुत्व है। भाजपा शासित राज्यों में घटने वाली इन घटनाओं को हिंदुत्ववादी बेहद संयम, तटस्था से देख रहे है। इन घटनाओं की पुलिस दवारा निष्पक्ष जांच का हवाला दिया जा रहा है। मुंगेर जैसे हिंदुत्ववादी, दुर्गा पूजा में हमला और पत्थर फेंके जाते है, लेकिन पालघर में साधुओ के खून को लेकर सवाल किये जाते है। मुंगेर में हिन्दू का रक्त नहीं बहा क्या ? उनके लिए कब घंटा बजेगा ? थालिया तो बजाये। बिहार में हिंदुत्व पर फायरिंग की गई। इस तरह के तीखे शब्दों में सामना के जरिये हमला बोला गया है।

सामना में लिखे लेख की खास बातें
बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण की वोटिंग खत्म हो गई है। प्रधानमंत्री मोदी सहित कई नेताओं की बिहार में प्रचार सभा हुई। आपको फिर से जंगलराज चाहिए क्या ? नहीं तो भाजपा और जेडीयू को वोट दे। पिछले 15 सालों से बिहार में नीतीश कुमार की सरकार है। लगता ये लोग ये भूल गए है।

मुंगेर जिला में दुर्गा विसर्जन पर पुलिस ने फायरिंग की। मूर्ति का जबरन विसर्जन करना पड़ा। फायरिंग में एक की मौत और 15 लोग जख्मी हो गए। पुलिस के कारनामे को जनरल डायर से तुलना की जा रही है। इस घटना में 18 साल के अनुराग पोद्दार की मौत हो गई।

इस फायरिंग की सीबीआई जांच के लिए भाजपा शिष्टमंडल राजभवन गई थी। लेकिन घंटाबाज हिंदुत्ववादी मुंगेर की घटना को लेकर क्यों चुप है। महाराष्ट्र के पालघर में लॉकडाउन की अवधि में दो साधुओं की हत्या हुई थी। हत्या भीड़ ने की थी। इसमें पुलिस वाले भी जख्मी हुए थे। लेकिन इस हत्या से महाराष्ट्र का हिन्दुत्ववाद, साधुवाद सब समाप्त हो गया। कहा गया कि महाराष्ट्र की ठाकरे सरकार को हिंदुत्व से कोई लेना देना नहीं है और शिवसेना सेक्युलर हो गई है।

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