टीडीएस और टीसीएस प्रमाणपत्र जारी करने की डेट बढ़ी, अब यह है नई डेडलाइन

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नई दिल्ली, 3 जुलाई – कोरोना संकट को देखते हुए 2019-20 के लिए TDS/TCS स्टेटमेंट देने की तारीख 31 जुलाई तक बढ़ा दिया गया है। TDS/TCS प्रमाणपत्र जारी करने का समय 15 2020 तक बढ़ाई गई है।

TDS और TCS में अंतर
टीडीएस और टीसीएस टैक्स वसूली के दो तरीके है। टीसीएस का मतलब स्रोत पर टैक्स कलेक्शन होता है। टीसीएस वह टैक्स है जो विक्रेता खरीदारी से वसूलता है। टीडीएस का मतलब टैक्स डिडक्टेड एट सोर्स का अर्थ है कि किसी व्यक्ति की आय का वह स्रोत है उस पर जो टैक्स लिया जाता है उसे ही टीडीएस कहा जाता है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने गुरुवार को वित्त वर्ष 2019-20 के लिए टैक्स बचत निवेश/भुगतान की समय सीमा को बढाकर 31 जुलाई कर दिया/वेतन और नए इनकम स्लैब पर कैसे तय होगा टीडीएस इनकम अधिनियम 1961 की धारा 192 कहती है कि प्रत्येक नियोक्ता को कर्मचारी को वेतन का भुगतान करते समय अनिवार्य रूप से टैक्स में कटौती करनी होती है।

टैक्स की दर लागू इनकम स्लैब के अनुरूप होनी चाहिए। वित्तीय वर्ष 2021 के लिए कर्मचारियों के लिए उपलब्ध दोहरे इनकम स्लैब के साथ इस पर भ्रम था कि वेतन पर टैक्स कैसे काटा जाना चाहिए। नई कर दरों के तहत 2. 5 लाख रुपए तक की आय के कोई टैक्स नहीं देना है। जबकि 2. 5 लाक से 5 लाख तक में 5% टैक्स देना होगा। 5 लाख और 7. 5 लाख रुपए तक की आय पर 10% और 7. 5 लाख रुपए से 10 लाख रुपए तक 15% टैक्स देना होगा। 10 लाख रुपए से 12. 5 लाख पर 20% और 12.5 से 15 लाख रुपए तक 25% टैक्स देना होगा।

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