प्रवासी मजदूर को लेकर सुप्रीम कोर्ट का राज्यों को बड़ा आदेश, सुनवाई हुई पूरी

0

नई दिल्ली : समाचार ऑनलाइन – प्रवासी मजदूर के लिए आज देश के सबसे बड़े अदालत सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। शीर्ष कोर्ट ने याचिका पर अपना आदेश सुरक्षित रखते हुए 9 जून को आदेश देने की बात कही है। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सरकार से कहा था कि हम सभी मजदूरों को वापस पहुंचाने के लिए 15 दिन का वक्त दे सकते हैं। इसके साथ ही शीर्ष कोर्ट ने ये भी कहा कि राज्य हमें बताएं कि जो लोग वापस अपने गृह राज्य में लौट रहे हैं सूबे की सरकार के पास उन्हें रोजगार देने का क्या इंतजाम है। इसके पूर्व सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पक्ष रखा।

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि अभी तक 4,270 श्रमिक ट्रेनों का संचालन हुआ है। हम राज्य सरकारों के संपर्क में हैं। केवल राज्य सरकारें इस अदालत को बता सकती हैं कि कितने प्रवासियों को अभी घर पहुंचाया जाना है और कितनी ट्रेनों की आवश्यकता होगी। राज्यों ने एक चार्ट तैयार किया है, क्योंकि वे ऐसा करने के लिए सबसे अच्छी स्थिति में थे। इसके साथ ही मजदूरों को घर भेजने का आंकड़ा देते हुए सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि ट्रेन और सड़क मार्ग से अब तक 1 करोड़ लोगों को उनके घर भेजा जा चुका है। उन्होंने यह भी बताया कि राज्य सरकारों ने केंद्र को 171 और देने का कहा है। राज्यों की ओर से मांग सामने आने के 24 घंटे के भीतर ही ट्रेनों का इंतजाम किया जा रहा है। कोर्ट में सरकार के वकील ने ये भी बताया कि महाराष्ट्र ने सिर्फ 1 ट्रेन का अनुरोध किया है। अब तक महाराष्ट्र से 802 ट्रेनें चली हैं।

राज्यों ने दी ये जानकारी –
सुनवाई के दौरान कोर्ट के सामने मजदूरों को घर वापस भेजे जाने को लेकर महाराष्ट्र की ओर से कहा गया कि अब तक करीब 11 लाख प्रवासी मजदूर वापस भेजे जा चुके हैं। वहीं 38 हजार को वापस भेजना बाकी है। वहीं गुजरात ने कहा राज्य में 22 लाख मजदूरों में से 20.5 लाख को वापस भेजा जा चुका है।

दिल्ली सरकार की ओर से जानकारी दी गई है कि 2 लाख लोगों ने दिल्ली में ही रुकने की इच्छा जताई है। सिर्फ 10 हजार लोगों ने ही राज्य से पलायन किया है। वहीं यूपी सरकार ने कहा कि हम लोगों से किराया नहीं ले रहे हैं। अब तक 104 ट्रेनें चलाई गईं हैं। राज्य से 1.35 लाख लोगों को अलग-अलग साधनों के जरिये उनके राज्यों में भेजा गया है।

सुप्रीम कोर्ट ने दिये ये निर्देश –
राज्यों की बात सुनने के बाद शीर्ष कोर्ट ने कहा कि सभी राज्य गांव एवं प्रखंड स्तर पर वापस लौटे मजदूरों का रजिस्ट्रेशन करें। सरकारें उन्हें रोजगार देने की व्यवस्था करें। मजदूरों की इस मुश्किल वक्त में काउंसलिंग भी की जाए। कोर्ट ने ये भी कहा कि राज्यों को 15 दिन का वक्त देना पर्याप्त होगा जिससे वे सभी लोगों को घर भेज सकें।

You might also like
Leave a comment