सैनिटाइज़र कंपनी की आग में 18 की मौत, पुणे के पास औधोगिक सेक्टर की दुर्घटना
पिरंगुट (पुणे ), 8 जून : पौड़ रोड के घोटवडे फाटा के पास उरवड़े रोड स्थित एक सैनिटाइज़र बनाने वाली कंपनी में भीषण आग लगने से 18 लोगों की जलकर मौत हो गई। इनमें 16 महिला कामगार शामिल है। मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका है। उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने इस घटना की जांच के आदेश दिए है। मृतकों के परिवार के लिए 5-5 लाख रुपए की मदद की घोषणा की है। जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पीड़ित परिवारों के लिए 2-2 लाख रुपए की मदद की घोषणा की है।
सोमवार की दोपहर साढ़े तीन बजे यह आग लगी थी। घटना की जानकारी मिलने पर पुणे मनपा और पीएमआरडीए के फायर ब्रिगेड की गाड़ियां घटनास्थल के लिए तुरंत रवाना हुई। लेकिन सैनिटाइज़र की वजह से आग ने कुछ ही देर में रौद्र रूप धारण कर लिया। स्थानीय लोगों तुरंत मौके पर पहुंचे। घटनास्थल पर आक्रोश और चीख की आवाज एक साथ आ रही थी। जेसीबी की मदद से कंपनी की दीवार गिराकर कामगारों को सकुशल बाहर निकालने का प्रयास शुरू हुआ।
प्राथमिक जानकारी के अनुसार 37 कामगारों में से कुछ कामगार बाहर निकल गए. जबकि 10 कामगारों को सकुशल बाहर निकालने में सफलता मिली। लेकिन 18 कामगार इसी में फंसे रह गए। बाद में सभी का शव बाहर निकाला गया। शाम करीब साढ़े 7 बजे आग पर काबू पाया गया। इसके बाद फायर ब्रिगेड की तरफ से कूलिंग का काम शुरू हुआ। आग की तीव्रता को देखते हुए कंपनी के अंदर बड़े पैमाने पर सैनिटाइज़र और अन्य ज्वलनशील रासायन का स्टॉक होने की संभावना जताई जा रही है। पिरंगुट एमआईडीसी में कई छोटी-बड़ी कंपनियां है। यहां हज़ारों लोग काम करते है।
इस कंपनी में 45 कामगार है जिसमे से अधिकांश महिला है। आग लगने की घटना के वक़्त कंपनी में 37 कर्मचारी थे। महिलाओं के लिए बाहर निकलना संभव नहीं होने की वजह से उनकी जलकर मौत हो गई।
दुर्घटनाग्रस्त एसवीएस अक्वा टेक्नोलॉजीस के मालिक निकुंज शाह है। दस वर्ष पहले यह कंपनी शुरू की गई थी। पानी शुद्ध करने के लिए गोलियां बनाने का काम यहां होता है। इसके लिए आरएम 1 नामक रासायन का इस्तेमाल किया जाता है। वह काफी ज्वलनशील होता है। अनुमान लगाया जा रहा है कि इसकी पैकिंग के दौरान हुई शॉर्ट सर्किट से आग लगी हो। डेढ़ वर्ष से यहां सैनिटाइज़र बनाया जा रहा है।