करीब 88 वर्षों के बाद मुंबई पुलिस में घोड़े दिखेंगे, पेट्रोलिंग की जिम्मेदारी संभालेंगे

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मुंबई, पोलिसनामा ऑनलाइन –  ब्रिटिश काल में सीमित जनसंख्या थी. उनकी जान और माल की सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालने वाली पुलिस के घुड़सवार दल अब फिर से एक बार महानगर में नज़र आएगा। 30 घोड़े और उस पर सवार वर्दीधारी सीमेंट की सड़क पर दौड़ेंगे। एक समय मुंबई की शान रही धुड़सवार दल के घोड़ों के नाल की आवाज करीब 88 वर्षों के बाद फिर से सुनाई देगी।

मुंबई पुलिस विभाग में 26 जनवरी से घुड़सवार दल का कार्य  फिर से शुरू होगा। मरोल स्थित पुलिस मैदान में घुड़सवारों की ट्रेनिंग और अन्य सारी तैयारी पूरी होने की जानकारी राज्य के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने दी है.सशस्त्र विभाग के पास इस दल की जिम्मेदारी होगी। मोर्चे, आंदोलन का बंदोबस्त की जिम्मेदारी इसी पर सौंपी जाएगी। इसके साथ ही रात की गश्त और पेट्रोलिंग करने का काम इसी दाल के जिम्मे होगा।

घुड़सवार दल

 

पुलिस के घुड़सवार दल में 30 घोड़े होंगे और इसमें हर एक का एक फौजदार और  सहायक फौजदार  होगा। साथ ही 4   हवलदार और 32 कांस्टेबल होंगे। फौजदार के पास इस दल के बीच समन्वय की जिम्मेदारी होगी। बिर्टिश काल में घुड़सवारों का काफी प्रचलन था लेकिन 1932 के बाद इसे बंद कर दिया गया. अब आधुनिक साधन और सामान की उपलब्धता होने के बावजूद इसका इस्तेमाल कितना सही रहेगा? यह देखना महत्वपूर्ण होगा।
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