घाटी में एक और आतंकी संगठन ने सिर उठाया, हंदवाड़ा हमले की जिम्मेदारी

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नई दिल्ली. पोलिसनामा ऑनलाइन – जम्मू-कश्मीर में आतंकी संगठनों में लगता है वर्चस्व की लड़ाई छिड़ गई है। जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के हंदवाड़ा में शनिवार को हुई आतंकी मुठभेड़ को इसी का परिणाम माना जा रहा है, क्योंकि इसकी जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा के द रजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने ली है और जानकारों की मानें तो लश्कर-ए-तैयबा के इस द रजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) की कोशिश है कि वह किसी भी तरह हिजबुल मुजाहिदीन आतंकी संगठन को कमजोर कर सके। इस उभरते आतंकी संगठन ने हिजबुल को नीचा दिखाने के लिए मुठभेड़ की जिम्मेदारी भी ले ली है।

दरअसल, सेना ने कश्मीर में पाकिस्तान के साथ लाइन ऑफ कंट्रोल पर गर्मियों के मद्देनजर नई रूपरेखा तैयार की है। सेना का मानना है कि गर्मियों के दौरान पाकिस्तान एलओसी पर आतंकी गतिविधियां बढ़ा सकता है। उपायों में नियंत्रण रेखा पर ग्रिड-वाइज़ (अलग-अलग तरीके से) सुरक्षाबल गुणक शामिल होंगे। सेना ने यह कदम उस समय उठाया है जब कश्मीर में एक नया संगठन द रेसिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) सामने आया है, सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि यह पाकिस्तान द्वारा शुरू किया गया एक और आतंकी प्रॉक्सी ग्रुप है। सुरक्षा एजेंसी से जुड़े सूत्रों ने बताया है कि टीआरएफ और कुछ नहीं है, बल्कि इस्लामाबाद के लिए आतंकी हमले को अंजाम देने और स्थानीय लोगों को आकर्षित करने का एक मोर्चा भर है। सिक्योरिटी इस्टैबलिशमेंट के एक सूत्र ने दिप्रिंट को बताया, पाकिस्तान पहले ही एलओसी पर आतंकवादियों की घुसपैठ को बढ़ा दिया है. संघर्ष विराम का उल्लंघन केवल उसी के लिए है. ‘ घाटी में आतंकवादियों को जोड़ने से उनकी गतिविधियों में वृद्धि होगी और वो फिलहाल सॉफ्ट टार्गेट को अपना निशाना बनाएंगे, जैसे में गश्ती दल में मौजूद पुलिसकर्मी या चौकियों पर मौजूद पुलिसकर्मी आदि।

उत्तरी-कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में हंदवाड़ा के चांजमुल्ला इलाके में हुई मुठभेड़ इसी की एक कड़ी है। शनिवार को एक मकान में छिपे आतंकवादियों ने कुछ नागरिकों को बंधक बना लिया था। खुफिया जानकारी के आधार पर सेना की एक टीम ने जम्मू-कश्मीर पुलिस के साथ मिलकर इलाके को घेर लिया और सभी नागरिकों को छुड़ा लिया। बताया जाता है कि जब बंधकों को छुड़ाया जा रहा था, तभी बचाव टीम पर आतंकवादियों ने भारी गोलीबारी कर दी।

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