Article 15 Review: समाज में घट रही घटनाओं पर बनी फिल्म है ‘आर्टिकल 15’, रोंगटे खड़े कर देगी फिल्म की कहानी
मुंबई : पुलिसनामा ऑनलाईन – ‘आर्टिकल 15’ आज रिलीज हो चुकी है। रिलीज से पहले फिल्म विवादों में घिरी थी। इसके बावजूद फिल्म रिलीज हो सकती। फिल्म में आयुष्मान खुराना लीड रोल में नज़र आ रहे है। फिल्म की कहानी समाज में दलितों के खिलाफ हो रहे अत्याचार और भेदभाव पर आधारित है। समाज में दलितों को आज भी हीन भावना से देखा जाता है और उन्हें समाज का हिस्सा नहीं समझा जाता। मालूम हो कि भारतीय संविधान के आर्टिकल 15 के मुताबिक धर्म, नस्ल, जाति, लिंग, जन्मस्थान या इनमें से किसी भी आधार पर कोई भी राज्य अपने किसी भी नागरिक से कोई भेदभाव नहीं कर सकता।
फिल्म की कहानी –
आज समाज में घट रही घटनाएं पर बनाई गई है। फिल्म की शुरुवात कुछ उच्च जाति के लोग द्वारा निम्न जाति की दो लड़की से गैंगेरप कर उनकी हत्या कर देते है। जिसके बाद दोनों के शव को पेड़ में टांग दिया जाता है। वो इसलिए क्योंकि जिससे निम्न जाति के लोग डर जाये और कुछ आवाज न उठा पाए। इस बीच आईपीएस ऑफिसर अयान रंजन (आयुष्मान खुराना) का ट्रांफर उसी गांव में होता है जहां ये घटना घटी है। फिल्म की कहानी दलितों के खिलाफ हो रहे अत्याचार को पूरी तरह दिखाती है। यह ऐसे दलित की कहानी है जो खेतों में भी काम कर रहा है, नालियां साफ कर रहा है, कंस्ट्रक्शन साइट पर काम करता है और हर काम करता है लेकिन समाज उसे इंसान नहीं समझता।
फिल्म में कही ऐसे दृश्य है जिसे देख आपके रोंगटे खड़े हो जायेंगे। डायरेक्टर अनुभव सिन्हा ने फिल्म को थ्रिलर अंदाज में प्रस्तुत किया है परत दर परत कहानी खुलती है, जो आपको न सिर्फ चौंकाती है बल्कि झकझोर देती है। फिल्म का फर्स्ट हाफ थोड़ा लंबा खिंच गया है। छोटी-मोटी खामियों को नजरअंदाज करें, तो फिल्म ‘आर्टिकल 15’ एक साहसिक फिल्म है।
फिल्म की मजबूती –
फिल्म की कहानी समाज में जाति और धर्म के आधार पर हो रहे भेदभाव के खिलाफ गहरा संदेश देती है। फिल्म को जिस तरह से प्रस्तुत किया गया है वो कबीले तारीफ है। फिल्म के कुछ सीन्स आपको झकझोर करने में कामियाब रहते है। आयुष्मान का एक्टिंग कबीले तारीफ है।
कमजोरी –
फिल्म का फर्स्ट हाफ थोड़ा लंबा खिंच गया है। इसे अँधेरे में ज्यादातर शूटिंग किया गया है। इसलिए यह एक डार्क फिल्म लगता है। फिल्म में छोटी-मोटी खामिया भी है। फिल्म में म्यूजिक का छाप नहीं पड़ा है।
एक्टिंग –
आयुष्मान की बात करें तो उन्होंने बेहतरीन एक्टिंग की है, फिल्म की कहानी के अलावा उनकी एक्टिंग भी आपको बांधे रखेगी। यह कहना गलत नहीं होगी कि यह फिल्म आयुष्मान के अब तक के करियर की बेहतरीन फिल्मों में से एक है। फिल्म में सपोर्टिंग एक्टर का रोल निभाने वाले स्टार्स ने भी अपना बेस्ट देते हुए अच्छी एक्टिंग की है। फिल्म में एक्ट्रेस सयानी गुप्ता ने दलित महिला का रोल बहुत अच्छी तरह से निभाया है और एक दलित महिला के रोल में उन्होंने जान डाल दी।
कुल मिलकर यह एक अच्छी फिल्म है। जो समाज को आइना दिखती है। बॉलीवुड के सेलिब्रिटियों ने फिल्म को लेकर अच्छी रिव्यु। हालांकि बॉक्स ऑफिस कलेक्शन की बात करें तो उसके लिए हम थोड़ा रुकना पड़ेगा। जिसके बाद साफ़ हो जायेगा की फिल्म लोगों को कितनी पसंद आ रही है। पुणे समाचार की ओर से फिल्म को 4 स्टार दिए जाते है।