बैंक ऑफ बड़ौदा ने फीस वृद्धि वापस ली सरकार ने फीस बढ़ोतरी नहीं करने का निर्देश दिया

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पुणे, 4 नवंबर – केंद्र सरकार ने मंगलवार को साफ कर दिया कि सार्वजनिक क्षेत्र की बैंकों से कैश निकालने और जमा करने के साथ विभिन्न सर्विस पर फीस नहीं बढ़ाई जाएगी. इसका असर ये हुआ कि बैंक ऑफ बड़ौदा द्वारा लागू की गई फीस बढ़ोतरी एक दिन में ही पीछे ले ली गई है. बैंक की तरफ से साफ कर दिया गया है कि अब खाताधारक महीने में कितनी बार भी कैश निकाल सकते हैं और जमा कर पाएंगे.

केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने साफ कर दिया है कि कोविड संक्रमण की वजह से सरकारी बैकों द्वारा अभी किसी भी तरह की बढ़ाई गई सर्विस फीस लागू नहीं की जाएगी. ऐसा कहा गया है कि करीब 41.13 करोड़ जन धन खातों के साथ सरकारी बैंक की 60.04 करोड़ मूल बचत बैंक सेविंग एकाउंट के लिए बढ़ाई गई सर्विस नहीं लेनी है. वैसे सर्विस फीस लेने का बैंक का आगे का रास्ता बना हुआ है. स्टेट बैंक के बाद देश की दूसरी सबसे बड़ी सार्वजनिक बैंक मानी जाने वाली बैंक ऑफ बड़ौदा की तरफ से 1 नवंबर को घोषित किया गया था कि तय अवधि के बाद एकाउंट से कैश निकालने अथवा जमा करने वाले खाताधारकों से बढ़ाई गई फीस वसूली जाएगी.

इससे पहले नियमित सेविंग एकाउंट, करंट और कैश एकाउंट आदि के लिए महीने में कैश निकालने और जमा करने के पांच मुफ्त लेनदेन को कम करके तीन कर दिया गया था. कोरोना संक्रमण के बाद लागू हुए लॉकडाउन शिथिल हो रही है. बीच के समय में खाताधारकों की आर्थिक स्थिति सामान्य हो रही है. ऐन दिवाली के मौके पर बैंक द्वारा कैश के ट्रांजेक्शन पर फीस वसूली को लेकर चिंता फैल गई थी. बैंक, वित्त संस्थाओं के लॉकडाउन से मुक्त रहने से नोटबंदी की अवधि की तुलना में ग्राहकों को राहत मिली है. बढ़ाई गई सर्विस फीस के रद्द होने से उनकी खुशी दोगुनी हो गई है.

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