दिल्ली में कोरोना की तीसरी लहर…एक दिन में 7 हजार के आंकड़े को देख सरकार ने भी किया स्वीकार

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नई दिल्ली. ऑनलाइन टीम – संक्रमणकाल में ढिलाई और लापरवाही के कारण संक्रमण और तेज होने की आशंका बढ़ जाती है और इसे ही हम लहर अथवा पलटवार के रूप में जानते हैं। संक्रमण की अगर वास्तविकता में लहर की बात की जाए तो वो विश्व के इतिहास में ये सिर्फ़ एक बार आई थी और वो वक़्त था ‘स्पेनिश फ़्लू’ का। इसलिए भी लहर देखने को मिली थी, क्योंकि ‘स्पेनिश फ़्लू’ के ‘वायरस’ में रूपांतरण यानी ‘म्यूटेशन’ हुआ था। दिल्ली इस बार कोरोना को लेकर कुछ ऐसी ही स्थिति को झेल रही है। आखिरकार सरकार बैकफुट पर आ गई और उसे मानना पड़ा कि संक्रमण की तीसरी लहर यहां आ चुकी है।

मंगलवार को बीते 24 घंटे में पहली बार लगभग सात हजार कोरोना केस आए। दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड के मामलों में कुछ समय से बढ़ोतरी हो रही है। हम इसे कोरोना केसों की तीसरी लहर कह सकते हैं। हम हालात पर नजर बनाए हुए हैं और सभी जरूरी कदम उठाएंगे। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि हम इसे कोरोना की दिल्ली में तीसरी लहर कह सकते हैं, लेकिन हमारा फोकस बीते 15 दिनों में ज्यादा से ज्यादा टेस्टिंग का रहा है, जिसे बढ़ते केसों का कारण माना जा सकता है।

इसका प्रमुख कारण यह भी है कि एक तो अर्थव्यवस्था खुल गई और दूसरी बात कि लोग संक्रमण के प्रति बेपरवाह होते जा रहे हैं और ऐसा आचरण पेश कर रहे हैं जैसे ये संक्रमण पूरी तरह ख़त्म हो गया हो। महामारी के विशेषज्ञों ने दिल्ली को लेकर कुछ दिन पहले ही चेतावनी दी है कि हरियाणा और पंजाब में पराली जलाने की वजह से दिल्ली में फिर प्रदूषण बढ़ेगा और ऐसे समय में संक्रमण के भी बढ़ने के आसार हैं, इसलिए उन्होंने लोगों को ख़ासा एहतियात बरतने का सुझाव भी दिया है।

सत्येंद्र जैन ने बताया कि दिल्ली में इस वक्त 6800 बेड भरे हैं और 9000 उपलब्ध हैं। हम हाईकोर्ट के उस फैसले के विरोध में सुप्रीम कोर्ट जाएंगे, जिसमें निजी अस्पतालों के 80 प्रतिशत आईसीयू बेड को आरक्षित रखने की बात को नहीं माना गया था। उन्होंने कहा क्योंकि सबसे ज्यादा समस्या आईसीयू बेड्स को लेकर है।

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