Chandrakant Patil | हार सामने नजर आने की वजह से संविधान बदलने की बात! चंद्रकांत पाटिल का कांग्रेस पर जोरदार हमला

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पुणे : पुलिसनामा ऑनलाइन – Chandrakant Patil | कांग्रेस सहित विरोधियों को अपनी हार स्पष्ट रूप से नजर आ रही है. इसलिए वे संविधान बदलने की बात कर रहे है. वास्तविकता में कांग्रेस ने अपने राजनीतिक फायदे के लिए संविधान में बार बार बदलाव किया है. यह हमला राज्य के उच्च व तकनीकी शिक्षा, वस्त्रोद्योग और संसदीय कार्य मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने किया है. अतुल सालवे और सुखदेव अडागले के कांसेप्ट पर तैयार संविधान रथ का उद्घाटन मंत्री चंद्रकांत पाटिल के हाथों किया गया. इसी मौके पर वे बोल रहे थे. (Chandrakant Patil)

इस मौके पर रिपाइं के नेता परशुराम वाडेकर, एड्. मंदार जोशी, बालासाहेब खंकाल, बापू ढाकले, राष्ट्रवादी कांग्रेस के एड्. राहुल म्हस्के, भारत भोसले, मायाताई पोसते, उज्ज्वलाताई सर्वगोड, जितेश दामोदरे, अतुल सालवे, डॉ. संदीप बुटाला, श्याम देशपांडे , छायाताई मारणे, शिवसेना के मयुर पानसरे, मनसे के गणेश शिंदे, राज तांबोली, आशुतोष वैशंपायन, दीपक पवार, अनुराधा येडके, सुखदेव आडगले, अजय मारणे, दिनेश माथवड, दिनेश माजिरे, नंदकुमार गोसावी, सुरेखा जगताप के साथ अन्य लोग उपस्थित थे.‌

मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर का हम सभी पर कई उपकार है. १५ अगस्त १९४७ को देश को स्वतंत्रता मिलने के बाद १९५० में हमें संविधान मिला. इसके जरिए देश और राज्य कैसे चलाना चाहिए. इसकी नियमावली तैयार की गई. इसके लिए डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर ने काफी मेहनत की. २६ नवंबर १९४९ को संविधान का मसौदा लोकसभा में पेश किया गया. इसके बाद २६ जनवरी १९५० को इसे स्वीकार किया गया. डॉ‍. बाबासाहेब आंबेडकर ने जिस दिन इसका मसौदा लोकसभा में पेश किया. उस दिन को मोदीजी ने संविधान दिवस रुप में घोषित किया है. इस दिन देशभर में संविधान की पूजा की जाती है. संविधान की उद्देशिका को पढ़ा जाता है. डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर का कांग्रेस ने कभी भी सन्मान नहीं किया.

उन्होंने आगे कहा कि डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर के संविधान की वजह से महिलाओं और गरीबों को वोट देने का समान अधिकार मिला है. गरीब-अमीर, स्त्री-पुरुष के बीच उन्होंने भेद नहीं किया. डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर द्वारा तैयार किया गया संविधान दुनियाभर के आर्दशों को समाहित कर अपना संविधान तैयार किया है.

कांग्रेस पर जोरदार हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि, पंडित जवाहरलाल नेहरू द्वारा कई बार संविधान में बदलाव किया गया. कांग्रेस ने संविधान की मूल भावना को चोट पहुंचाया है.‌ इंदिरा गांधी ने खुद का पद बचाए रखने के लिए संविधान में बदलाव किया. साथ ही समय समय पर संविधान की धाराओं का दुरुपयोग कर राज्य सरकारों को बर्खास्त किया. दूसरी तरफ नरेंद्र मोदी ने गरीबों को नौकरी में १० फीसदी आरक्षण दिलाया है. साथ ही महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण दिया. अटलजी ने सभी को शिक्षा का समान अधिकार दिलाया. मोदीजी ने देश की सुरक्षा को देखते हुए धारा 3७० खत्म करवाया.

उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने कल पुणे की सभा में कहा कि आरक्षण की सीमा बढ़नी चाहिए. लेकिन इतने वर्ष कांग्रेस की राज्य, देश में सरकार थी. तब उन्हें इसकी याद नहीं आई. १९९२ में ओबीसी कोटे से मराठा समाज को आरक्षण दिया जा सकता था. उस वक्त के तत्कालीन मुख्यमंत्री शरद पवार ने मराठाओं को ओबीसी कोटे से आरक्षण नहीं दिला. इस वजह से विरोधियों को हार नजर आने लगी है इसलिए आरक्षण में बदलाव होने की अफवाह फैलाई जा रही है. मोदी सरकार ने डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर के जीवन के पांच जगहों को तीर्थ स्थल के तौर पर घोषित कर विकसित किया है. कांग्रेस ने यह क्यों नहीं किया. इसलिए दलित समाज को यह मालूम है.‌

रिपाइं आठवले गुट के नेता परशुराम वाडेकर ने कहा कि देश के लोकप्रिय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संविधान के पूजक है. उनके प्रधानमंत्री बनने के बाद से प्रत्येक सांसद को संविधान का महत्व का पता चला. इसके लिए लोकसभा में दो दिवसीय संविधान की कार्यशाला शुरू की. कांग्रेस ने इसके लिए कभी पहल नहीं की. डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर के संविधान की वजह से नरेंद्र मोदी जैसे आम परिवार के व्यक्ति प्रधानमंत्री बन सके. इसलिए नीचि जाति के व्यक्ति प्रधानमंत्री है यह कांग्रेस सहित विरोधियों की आंखों में खटक रहा है. उन्होंने आगे कहा कि, बाबासाहेब आंबेडकर को उनके जीवन में भंडारा और मुंबईत में हुए चुनाव में कांग्रेस ने हराया था. और अब संविधान बदलने का झूठा प्रचार कर इसका फायदा उठा रही है. यह सही नहीं है.‌ संविधान खतरे में नहीं, आप खतरे में है. इंदू मिल के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने जमीन दी. इसलिए मोदी ही संविधान के रक्षक है. कार्यक्रम का सूत्र संचालन एड्. मंदार जोशी ने किया. जबकि जितेश दामोदरे‌ ने आभार जताया.

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