टैक्स बढ़ाने की सलाह पर वित्त मंत्रालय ने अधिकारियों पर की ‘ये’ कार्रवाई, जताई आपत्ति
नई दिल्ली : पोलिसनामा ऑनलाइन – आयकर विभाग ने कोविड-19 के आर्थिक प्रभावों को कम करने के लिए भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) के 50 अधिकारियों की एक रिपोर्ट को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने IRS Association या उसके अधिकारियों को इस तरह की रिपोर्ट तैयार करने के लिए कभी कहा ही नहीं था। विभाग ने कहा है कि इन अधिकारियों ने अपने निजी विचारों एवं सुझावों को सार्वजनिक करने से पहले किसी तरह की अनुमति नहीं ली थी। विभाग ने कहा है कि यह सेवा आचरण नियमों का उल्लंघन है और इस मामले में जरूरी जांच शुरू की जा रही है।
(1/3)There is some report circulating on social media regarding suggestions by a few IRS officers on tackling Covid-19 situation.
It is unequivocally stated that CBDT never asked IRS Association or these officers to prepare such a report.@nsitharamanoffc @Anurag_Office— Income Tax India (@IncomeTaxIndia) April 26, 2020
वित्त मंत्रालय के विभाग सीबीडीटी ने जांच बिठा दी है। दरअसल, एसोसिएशन के करीब 50 आफिसर्स ने ‘फोर्स’ नाम से एक रिपोर्ट में सलाह दी थी कि 10 लाख रुपये से ऊपर की इनकम पर 4% का सरचार्ज लगाया जाएगा। जबकि एक करोड़ रुपये से ऊपर वाले इनकम पर 40% का टैक्स लगाया जाए। इसके अलावा 5 करोड़ से ऊपर की नेटवर्थ वालों पर वेल्थ टैक्स लगाया जाए। विदेशी कंपनियां जिनका ऑफिस भारत में है उन पर सरचार्ज बढ़ाया जाए।
(1/3)There is some report circulating on social media regarding suggestions by a few IRS officers on tackling Covid-19 situation.
It is unequivocally stated that CBDT never asked IRS Association or these officers to prepare such a report.@nsitharamanoffc @Anurag_Office— Income Tax India (@IncomeTaxIndia) April 26, 2020
इनकम टैक्स विभाग ने ट्विटर पर लिखा है, ”सोशल मीडिया पर कोविड-19 की स्थिति से निपटने को लेकर कुछ IRS अधिकारियों की कोई रिपोर्ट सर्कुलेट हो रही है। यह स्पष्ट किया जाता है कि CBDT ने IRS Association या उसके अधिकारियों को इस तरह का रिपोर्ट तैयार करने के लिए कभी नहीं कहा था। ” CBDT का कहना है कि हमने ऐसी रिपोर्ट कभी मांगी ही नहीं थी। इस तरह बिना मांगे रिपोर्ट देना आचरण संहिता के नियम के खिलाफ है। हमसे कोई परमिशन भी नहीं मांगी गई और रिपोर्ट भेजने की बात कही जा रही है और उनकी निजी सलाह को उन्होंने सार्वजनिक कर दिया। लिहाजा जांच बिठाई गई है कि ऐसा क्यों हुआ।